विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

रायपुर. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बयान से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा नगरीय निकाय चुनाव में मैदान में उतरने से पहले ही पराजय को स्वीकार कर ली है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के 10 महीने की उपलब्धि के आगे भाजपा खुद को बौना महसूस कर रही है। दंतेवाड़ा एवं चित्रकूट उपचुनाव में मिली भाजपा को करारी हार से भाजपा में सन्नाटा पसरा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार पर तथ्यहीन मनगढ़त और वादाखिलाफी का आरोप लगाने वाले भाजपा के नेताओं के आरोपों को दंतेवाड़ा और चित्रकोट की जनता ने सिरे से नकार दिया और 10 महीने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार की कार्यों की सराहना की और कांग्रेस के उम्मीदवारों को उपचुनाव में जीत दिलाकर सरकार के जनहितैषी कार्यो की संतुष्टि का प्रमाण पत्र भी दिया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि बैलेट पेपर से चुनाव की बात सुनकर भाजपा नेताओं को पसीना क्यों आता है? भाजपा आखिर बैलेट पेपर से चुनाव लड़ने से डरती क्यों है? विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक जी को भूलना नहीं चाहिये कि वे भी अप्रत्यक्ष प्रणाली से नेता प्रतिपक्ष चुने गये हैं। राज्य का मुख्यमंत्री और देश का प्रधानमंत्री का चयन भी अप्रत्यक्ष प्रणाली से होता है ऐसे में अगर महापौर का चयन भी अप्रत्यक्ष प्रणाली से होता है तो भाजपा को पीड़ा किस बात की है? असल मायने में मुख्यमंत्री रमन सिंह के 15 साल के शासनकाल के कुशासन भ्रष्टाचार अराजकता एवं भाजपा नेताओं के निरंतर फूट रहे पाप के घड़ा से भाजपा के नेता बेचैन है और आम जनता के बीच चेहरा छिपाते घूम रहे हैं ऐसे में नगरीय निकाय चुनाव में किस मुंह से जनता के बीच जाएंगे? इस बात से चिंतित भाजपा के नेता उलजुलूल बयानबाजी कर नगरीय निकाय चुनाव में दिख रही करारी हार से बचने का अभी से बहाना तैयार कर रहे। कांग्रेस सहित देश के प्रमुख विपक्षी दलों ने निरंतर मांग की है, बैलेट पेपर से चुनाव संपन्न कराकर लोकतंत्र की मर्यादाओं को बचाया जाए। परंतु पूर्व में ईवीएम का विरोध करने वाले एवं बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग करने वाले भाजपा के नेता सत्ता के नशे में मदहोश बैलेट पेपर से चुनाव सुनते ही होशो हवास खो बैठते हैं।