आदिवासी सेवा सहकारी समिति केन्द्र केंदा के शाखा प्रबंधन की काली करतूत, 10 हजार क्विंटल से ज्यादा अवैध धान की गई खरीदी

 

बिलासपुर अनिश गंधर्व/धान खरीदी केन्द्रों में जिला प्रशासन द्वारा सतत निगरानी की जा रही है। मंडी में रखे अवैध धान की जब्ती भी की जा रही है इसके बाद भी जिले में भारी पैमाने में गड़बड़ी की गई है। राज्य शासन द्वारा गांव-गरीब और किसानों को मजबूत बनाने के लिए योजनाएं बनाई जा रही है किंतु शासकीय पदों में बैठे आला अधिकारी गरीबों के हक में डाका डालने का काम कर रहे हैं। आदिवासी सेवा सहकारी केन्द्र केंदा के सुरेन्द्र गुप्ता व उसका भतीजा राहुल गुप्ता ने मिलकर लगभग दस हजार क्विंटल से भी ज्यादा अवैध धान की खरीदी की । इस घोटाले की जांच करना तो दूर जिले के आला अधिकारी आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि जिले के धान खरीदी केन्द्रों का प्रभार मोटी राशि लेकर दी जाती है। इसके बाद शुरु होता है भ्रष्टाचार का खेल। किसानों के धान को खरीदी लायक नहीं है कहकर लौटा दिया जाता है इसके बाद किसान को धमकी चमकी देकर उससे पैसे लेकर धान खरीदी की जाती है। कोटा जनपद पंचायत के सभापति श्री कन्हैया गंधर्व ने आज मीडिया को संबोधित करते हुए केन्द्रा धान खरीदी केन्द्र में हुए भ्रष्टाचार का खुलासा किया है।

आदिवासी सेवा सहकारी समिति केन्द्र केंदा के शाखा प्रबंधक सुरेन्द्र गुप्ता द्वारा गांव के किसानो से पुराना धान खरीदी एवं किसानो से वसूली की जा रही है। साथ ही अभद्रता पूर्वक व्यवहार किया जा रहा है। उक्त आरोप बिलासपुर प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता करते हुए किसान नेता कन्हैया गंधर्व ने लगाई।

उन्होंने शाखा प्रबंधक पर आरोप लगाते हुए कहा कि ग्राम पंचायत केंदा आदिवासी सेवा सहकारी समिति के द्वारा किसानो की धान खरीदी की जा रही है। किन्तु किसान इस खरीदी से नाराज है उन्हे इस प्रकार की समस्या है….

1. धान खरीदी केन्द्र में पुराने धान का खरीदी किया गया है। जानकारी के अनुसार लगभग 10 हजार विचा से भी ज्यादा खरीदी किया गया है, जो कि लॉट में रखा गया है।

2. किसानों से धान केन्द्र में अनलोडिंग करने के बाद भी प्रत्येक किसानो से 6 से 8 रुपये प्रति बोरी लिया गया है।

3. धान खरीदी केन्द्र में किसानो के धान को रिजेक्ट कर राशि राजेन्द्र पटेल, सुरेन्द्र गुप्ता का सगा भतीजा राहूल गुप्ता, के द्वारा वसूली किया जाता है। जितने किसानो के द्वारा धान विकय किया जाता है उन समस्त किसानो की राशि सुरेन्द्र गुप्ता शाखा प्राक द्वारा विकय हेतु जगह नही देने पर उन समस्त किसानो के घर तक जाँच कराते है। जिससे समस्त किसान अपने आप को अपमानित महसुस करते है।

4. पिछले वर्ष 2022-23 में वहां के गरीब हमाल मजदूरो लगभग 40 लोग पूरे सीजन भर कार्य किये है, उन हमाल मजदूरों की पारिश्रमिक राशि अभी तक उनको प्रदान नहीं किया गया है तथा मजदुरो को काम नहीं करने पर पिछला राशि नहीं दिया जायेगा, ऐ कहकर धमकाया भी जा रहा है। जिससे गरीब मजदुरो आर्थिक परेशान है एवं उनको जीवन यापन करने में काफी परेशानी हो रही है एवं राशि प्राप्त होगा कहकर वर्तमान में भी कार्य कर रहे है, जबकि उनकी समस्त राशि लगगभ 06 लाख रुपये वित्तीय वर्ष में ही जारी कर दिया गया है।

5. कृषकों के लिए शासन से अन्य युरिया खाद प्राप्त होता है, जिसमें पूरे युरिया को अपने विक्रय करने वाले पर्ची पर चढ़ाकर किराने की दुकान में सप्लाई किया जाता है।

6. यह कि एक ही घर से सगे रिश्तेदारों की भर्ती भी नियम विरुद्ध मानी जाती है जबकि यह दोनो एक ही संस्थान में कार्यरत् है।

किसानो की इन विभिन्न समस्याओं को लेकर क्षेत्र की जनता वहां के ऑपरेटर काली रेहा, सुरेन्द्र गुप्ता व उनका भतीजा राहूल गुप्ता से से असंतुष्ट है।

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