अंकित की अगुवाई में बैमा के ग्रामीणों ने कलेक्टर से की मुलाकात, बताई अपनी समस्या

बिलासपुर.बैमा पंचायत के पंच सरपंच और ग्रामीणों ने जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा की अगुवाई में अपनी मांगों को लेकर जिला कार्यालय पहुंचे जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने बताया की खपराखोल में मॉडर्न केंद्रीय जेल बनाया जाना प्रस्तावित है। लेकिन विस्थापित लोगों के लिए शासन स्तर पर किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई है। हम लोगों की मांग है की विस्थापन से पहले सभी प्रभावितों को जमीन के साथ आर्थिक मदद दी जाए।अंकित गौरहा ने कहा- कोर्ट के निर्देश पर जिला प्रशासन की तरफ से बैमा गांव में मॉडर्न केंद्रीय जेल के लिए आवंटित जमीन पर काबिज लोगों के खिलाफ अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। जिसे लेकर स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश दोनों है ।
अंकित ने बताया कि ग्रामीण चाहते है उन्हें विस्थापन के साथ जमीन और आर्थिक सहयोग दी जाए। जिस जगह जेल बनाना प्रस्तावित है वहां सभी ग्रामीण पिछले 70  साल से निवास कर रहे हैं। उनके पास ना तो घर है और ना ही जमीन। विस्थापन से पहले विस्थापित किए जा रहे गरीबों के लिए सरकारी जमीन आवंटित किया जाना जरूरी है। जहां लोग मकान तैयार कर सके।ग्रामीणों ने  कहा की वह लोग बहुत गरीब है ।इतनी हैसियत नहीं है कि विस्थापन के बाद कोरोना काल में एक झोपड़ी भी बनवा सके। शासन से निवेदन है जमीन के साथ आर्थिक मदद करें ।ताकि एक झोपड़ी आसानी से बनाए जा सके।
 मामले में जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने कहा कि हाईकोर्ट ने फिलहाल कोरोना काल को देखते हुए विस्थापन पर स्थगन आदेश दिया है। फिलहाल अतिक्रमण हटाओ करवाई नही होगी। कुछ समय बाद विस्थापन होना ही है । जरूरी है कि सालों से जमीन पर काबिज लोगों के लिए ऐसी जमीन का चयन किया जाए जहां यह गरीब लोग मकान बना सके। हमने जिला प्रशासन से स्पष्ट विस्थापन नीति की भी मांग की है। इस पर कलेक्टर डॉ सारांश मित्तर ने जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा को आश्वासन दिया कि विस्थापितों को उचित सम्मान मिलेगा व तहसीलदार को भूमि चिह्नित कर पंचायत से समन्वय बनाकर ग्रामीणों को विस्थापित कराने हेतु निर्देशित किया।

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