अखण्ड धरना 202 वें दिन भी जारी रहा
बिलासपुर. राघवेन्द्र राव सभा भवन प्रांगण में जारी हवाई सुविधा हेतु जारी अखण्ड धरना आज 202वें दिन भी जारी रहा। सभा में महामहिम राज्यपाल से मुलाकात का ब्यौरा दिया गया और कोरोना काल में केवल 5 व्यक्तियों के प्रतिनिधि मण्डल को मिलने के कारण कई प्रमुख कार्यकर्ताओं को अवसर नहीं मिलने की स्थिति स्पष्ट करते हुए उनसे खेद प्रकट किया गया।
समस्त कार्यकर्ताओं इस बात पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि सभी के लिए हमारे लक्ष्य की पूर्ति बिलासपुर से महानगरों तक सीधी हवाई सेवा का पूरा होना आवश्यक है न कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्रतिनिधि मण्डल में स्थान पाना। सभी कार्यकर्ताओं ने एक स्वर से अपने लक्ष्य के लिए लगातार निस्वार्थ समर्पित रहने का संकल्प लिया। आज के धरना आंदोलन में अशोक भण्डारी, मनोज तिवरी, महेश दुबे, बद्री यादव, रामा बघेल, मनोज श्रीवास, सुशांत शुक्ला, केशव गोरख, कमल सिंग ठाकुर, नरेश यादव, अकील अली, विभूतिभूषण गौतम, ब्रम्हदेव सिंह ठाकुर, संतोष पीपलवा, और गोपाल दुबे शामिल थे।
बिलासपुर में पहले ही हवाई सुविधा हो जानी चाहिये थी, मै प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखूंगी-राज्यपाल छत्तीसगढ़
हवाई सुविधा जनसंघर्ष समिति के प्रतिनिधि मण्डल ने छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूइया उईके जी से राजभवन रायपुर में भेट कर बिलासपुर एयरपोर्ट रनवे विस्तार के लिए सेना के हिस्से की जमीन और महानगरों तक सीधी उड़ान स्वीकृत कराने में आवश्यक पहल करने का अनुरोध किया। माननीया राज्यपाल ने बहुत ही सार्थक रूख दर्शाते हुए कहा कि बिलासपुर को पहले ही हवाई सेवा मिल जानी चाहिए थी, यहा हवाई सुविधा होने से तीर्थ स्थल अमरकंटक समेत मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिलों को भी लाभ होगा।
राज्यपाल ने इस कार्य के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखने का भरोसा दिलाया है। जनसंघर्ष समिति के प्रतिनिधि मण्डल सुदीप श्रीवास्तव, महेश दूबे, सुशांत शुक्ला, और मनोज श्रीवास द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि वर्तमान में बिलासपुर एयरपोर्ट का रनवे 1500 लम्बा है जो 72 व 78 सीटर विमानों हेतु उपयुक्त है परन्तु बोईंग/एयरबस हेतु 2300 मीटर का रनवे चाहिये। इस हेतु भूमि भारतीय सेना के कब्जे मे पर बिना किसी उपयोग के पड़ी हुई है। अतः केन्द्र सरकार को बिलासपुर एयरपोर्ट रनवे विस्तार हेतु अपने कब्जे की 1012 एकड़ भूमि में से 150 एकड़ भूमि दिये जाने की आवश्यकता है और इसके बदले अन्य भूमि सेना ले सकती है। ज्ञापन में आगे कहा गया है कि बिलासपुर से वर्तमान में भोपाल तक एक उड़ान स्वीकृत की गई है।
वस्तुतः क्षेत्र के लोगों की मांग बिलासपुर से दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, हैदराबाद, पुणे, बैंगलोर तक सीधी हवाई सुविधा की है। यह सभी महानगर बिलासपुर से 600 कि.मी. से अधिक दूरी पर है और उड़ान 4.0 योजना के तहत वी.जी.एफ सब्सिडी इस वर्ष 600 कि.मी. से कम दूरी की उड़ानों के लिये ही स्वीकृत की जा रही है। जबकि उड़ान 1.0, उड़ान 2.0 उड़ान 3.0 योजना में यह सब्सिडी 2000 कि.मी. तक की उड़ानो हेतु दी गई है। वर्तमान में भी उत्तर पूर्वी आदिवासी राज्यों के लिये यह बाध्यता नहीं है। अतः अनुरोध है कि छत्तीसगढ़ को आदिवासी बहुल राज्य मान कर यहां भी वी.जी.एफ सब्सिडी के लिये 600 कि.मी. की बाध्यता समाप्त की जाये और बिलासपुर से सीधी उड़ान महानगरों तक स्वीकृत की जाये।