अमृत मिशन योजना में लापरवाही : सरकंडा में मेन पाइप हुआ क्षतिग्रस्त
बिलासपुर/अनिश गंधर्व. शहर के घरों में 24 घंटे पानी की सुविधा देने के नाम पर अमृत मिशन योजना को हरी झंडी दी गई है। इससे पूर्व सीवरेज परियोजना के चलते शहरवासी वर्षों हलाकान रहे। जगह-जगह खुदाई, सड़क जाम और धूल से लोगों के स्वास्थ्य पर भी गहरा असर हुआ। सीवरेज योजना में जमकर भ्रष्टाचार किया गया इसका नतीजा यह हुआ कि 10 साल तक सड़कों को खोदने के बाद सीवरेज परियोजना का काम ठप पड़ा हुआ है। इसी तरह पेयजल आपूर्ति के लिए अमृत मिशन योजना के तहत शहर में पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है।
कोरोना काल में भी अमृत मिशन के लिए नगर निगम द्वारा सड़कों की खोदाई कराई गई और अभी भी काम चल रहा है। यहां सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सीवरेज परियोजना के बाद अमृत मिशन योजना में भी जमकर मनमानी की जा रही है। सरकंडा क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने के लिए सड़क की खोदाई के दौरान मेन पाइप लाइन टूटकर क्षतिग्रस्त हो गया। देखते ही देखते पानी आसपास के क्षेत्रों में घूसने लगा जिससे आनन-फानन में रेत से ढंककर सुधार कार्य किया गया। मुख्य मार्ग में पाइप के क्षतिग्रस्त होने के कारण आने जाने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा वहीं एक कार का पहिया गढ्डे में जा घुसा जिसे भारी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया।
मालूम हो कि शहर में अमृत मिशन योजना के तहत खूंटाघाट से पानी सप्लाई कर आपूर्ति करना है। योजना के तहत पाइप लाइन बिछाने के कार्य में गंभीर लापरवाही बरती जा रही है। बार-बार घटनाएं हो रही है इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं रहते, विरोध करने वाले का सामना काम करने वाले मजदूरों को करना पड़ता है। खोदाई के दौरान पाइन लाइन टूट जाये तो इसके कौन जिम्मेदार है यह भी तय नहीं है।
बार-बार ऐसी घटनाएं होने के बाद भी अमृत मिशन के कर्ता-धर्ता खुदाई के दौरान लापरवाही करना नहीं छोड़ रहे। आज सुबह पाइप लाइन फूटने से वहां का हाल थोड़ी देर में ही बेहाल हो गया। इसकी सूचना अमृत मिशन और नगर निगम के अधिकारियों को देने के भी बाद काफी देर तक वहां मरम्मत के लिए कोई नहीं पहुंचा और क्षतिग्रस्त मेन पाइप लाइन से लगातार बहता पानी, सड़क पर फैलता ही रहा और मोटर गाड़ी वाले तथा पैदल जाने वाले लोगों परेशान होते रहे।
पाइप चोरी की हो चुकी है घटना
पूर्व में अमृत मिशन योजना के लिए लाखों रुपये का पाइप मंगाकर सड़क पर ही लावारिस हालत में छोड़ दिया गया था। भारी भरकम पाइप चोरी कर लिए गए। ठेका कंपनी के अधिकारियों ने तोरवा थाने में चोरी की घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। चोरी गए पाइप की कीमत सात लाख रुपए थी इसके बाद भी ठेका कंपनी के अधिकारी खोदाई के दौरान गंभीर लापरवाही बरत रहे हैं। इस योजना के सफल होने से पूर्व ही कई तरह की गड़बड़ी सामने आ रही है।