अमेरिका का ड्रैगन को सबक सिखाने वाला प्लान! चीन के खिलाफ 7 बड़े देशों का मिला साथ!


नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) के बाद सबके निशाने पर आए चीन की घेराबंदी की तैयारी पूरी हो चुकी है. जिस वायरस ने पूरी दुनिया के हेल्थ और इकॉनॉमिक सिस्टम को हिला कर रख दिया है. अब उसी वायरस से पूरी दुनिया में ऐसे कूटनीतिक बदलाव होने जा रहे हैं जिसके बारे में अब से पहले किसी ने सोचा भी नहीं था.

चीन के खिलाफ घेराबंदी की पूरी प्लानिंग अमेरिका ने की है. चीन को हर मोर्चे पर मात देने की तैयारी है और इसमें अमेरिका समेत 7 देश एक साथ आकर चीन को कड़ा संदेश दे चुके हैं.

अमेरिका के विदेश मंत्री माइकल पोम्पिओ ने एक साथ 7 देशों के साथ वर्चुअल बैठक कर चीन को कड़ा संदेश दिया. इस बैठक में भारत भी शामिल था. भारत के अलावा जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, इजरायल और ब्राजील के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक की गई. इस बैठक में कोरोना को लेकर ज्यादा पारदर्शिता बरतने का मुद्दा उठाया गया..

यानि अमेरिका अपने साथ अब भारत समेत दुनिया की महाशक्तियों को दिखाकर चीन को कड़ा संदेश देना चाह रहा है. पोम्पिओ के आग्रह पर बुलाई गई इस बैठक को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से चीन पर लगातार निशाना साधने की रणनीति के अगले चरण के तौर पर देखा जा सकता है.

इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक इस बैठक में ‘कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय सहयोग, पारदर्शिता और जिम्मेदारी तय करने के मुद्दे पर चर्चा हुई है. इनके बीच भविष्य में होने वाले स्वास्थ्य संबंधी संकट और कानून सम्मत अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था कायम करने के विषय पर भी चर्चा हुई है.’

अमेरिकी विदेश मंत्रालय का ये बयान पूरी तरह से चीन को निशाना बनाने वाला है. अमेरिका लगातार चीन पर ये आरोप लगा रहा है कि उसने कोरोना को लेकर ज़रूरी जानकारियां छिपाई और पारदर्शिता नहीं बरती.

अमेरिका का चीन के खिलाफ उठाया ये कदम असरदार भी साबित होता दिख रहा है. बैठक में अमेरिका के अलावा जापान और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री ने पारदर्शी व्यवहार बरतने की बात कही. ऐसा पहली बार हुआ है कि अमेरिका ने कुछ प्रमुख देशों को एक साथ कोविड-19 पर विचार विमर्श करने को इकट्ठा किया.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय का बयान साफ तौर पर संकेत देता है कि इसमें साउथ चाइना सी का मुद्दा भी उठा है. चीन के अतिक्रमण को लेकर अमेरिका कानून व्यवस्था तैयार करना चाहता है
भारत समेत जापान, ऑस्ट्रेलिया भी इस रुख से सहमत हैं. अमेरिका ऐसी बैठक कर चीन पर कूटनीतिक दबाव बनाना चाहता है. दुनिया के बाकी देशों को चीन के खिलाफ एकजुट करना चाहता है.

अमेरिका में कोरोना को लेकर हालात हर दिन बेकाबू हो रहे हैं. अमेरिका इसके लिए चीन को जिम्मेदार मानता है. यही वजह है कि वो बदले के लिए बेकरार है और चीन को मात देने की हर वक्त प्लानिंग में लगा है. चीन के लिए अमेरिका एक ऐसा चक्रव्यूह तैयार कर रहा है जिसे भेदना ड्रैगन के लिए आसान नहीं होगा.

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