अमेरिका ने फिर साधा चीन पर निशाना : कहा, पड़ोस में दुष्ट रवैया अपना रहा है ड्रैगन
वॉशिंगटन. भारत सहित कई देशों के लिए परेशानी बने चीन पर अमेरिका ने एक बार फिर निशाना साधा है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) ने शुक्रवार को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) की आलोचना करते हुए कहा कि वह न केवल अपने पड़ोस में “दुष्ट” रवैया अपनाए हुए है बल्कि अमेरिका और यूरोप में भी दुर्भावनापूर्ण साइबर अभियानों को अंजाम दे रही है.
डेनमार्क के कोपेनहेगन में लोकतंत्र पर आयोजित ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए पोम्पिओ ने चीनी सरकार की कार्यप्रणालियों पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि चीन नकारात्मक माहौल पैदा कर रहा है. बाकी दुनिया की तरह यूरोप भी उसकी चुनौती का सामना कर रहा है. गौरतलब है कि पोम्पिओ ने इस सप्ताह की शुरुआत में हवाई में एक वरिष्ठ चीनी अधिकारी से मुलाकात की थी. दोनों के बीच बंद दरवाजे की पीछे काफी देर तक बातचीत हुई थी.
चीन सरकार पर तीखे हमले बोलते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, ‘CCP नाटो जैसे संस्थानों के माध्यम से आजाद दुनिया को मिली प्रगति को खत्म करना चाहती है, और केवल बीजिंग को फायदा पहुंचाने वाले नियम एवं मानदंड अपनाना चाहती है. उसने भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के साथ सीमा विवाद को आगे बढ़ाया. वह दक्षिण चीन सागर का सैन्यीकरण कर रही है, वहां के अधिक क्षेत्रों पर अपना अवैध दावा जाता रही है, जो कि एक गंभीर खतरा है’.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने आगे कहा कि कई वर्षों से पश्चिमी देश इस आशा में हैं कि वे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को बदल सकते हैं और चीनी लोगों के जीवन में सुधार कर सकते हैं. लेकिन चीन हमसे अच्छे संबंधों का दिखावा करके हमारी गुडविल का फायदा उठता रहा है. यूरोपीय और अमेरिकी कंपनियां आशावादी सोच के साथ चीन में निवेश करती हैं. शेन्ज़ेन जैसी जगहों पर आपूर्ति श्रृंखला को आउटसोर्स किया गया, PLA-संबद्ध छात्रों के लिए शिक्षा संस्थान खोले और अपने देशों में चीनी राज्य समर्थित निवेश का स्वागत किया गया। लेकिन CCP ने संयुक्त राष्ट्र में पंजीकृत संधि का उल्लंघन करते हुए हांगकांग में स्वतंत्रता की समाप्ति का फैसला किया.
चीन के रवैये पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि चीन हांगकांग के मामले में जो कर रहा है वह महज उदाहरण मात्र है, वह कई अंतर्राष्ट्रीय संधियों का उल्लंघन कर चुका है. वह मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हुए चीनी मुस्लिमों पर अत्याचार करता रहा और अब उसने भारत के साथ सीमा विवाद को बढ़ाया है. गौरतलब है कि गलवान घाटी में हुई झड़प 1967 के नाथु ला संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच हुई सबसे बड़ी हिंसक घटना है. तब भारत के 80 जवान शहीद हुए थे जबकि चीन के 300 से अधिक सैनिक मारे गए थे. कोरोना वायरस (Corona Virus) के प्रसार को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री ने एक बार फिर चीन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि चीन कोरोना पर लगातार झूठ बोलता रहा है. उसके चलते ही आज पूरी दुनिया इस महामारी की चपेट में है.