अमेरिका पर कोरोना की सबसे ज्यादा मार, फिर भी देश खोलने की तैयारी में ट्रंप, आखिर क्यों?
वॉशिंगटन. कोरोना वायरस (Coronavirus) ने न केवल सबसे ज्यादा अमेरिकियों की जान ली है बल्कि यहां की अर्थव्यवस्था पर भी बहुत बुरा असर डाला है. यही वजह है कि दुनिया में कोरोना से हुई सबसे ज्यादा मौतों और सबसे ज्यादा मामले आने के बाद भी राष्ट्रपति ट्रंप इसे खोलने के लिए अब और इंतजार नहीं करना चाहते.
डोनॉल्ड ट्रंप ने गुरुवार को अमेरिकी अर्थव्यवस्था को क्रमिक तौर पर खोलने की घोषणा की. दरअसल, कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए किए गए अभूतपूर्व प्रयासों ने इस देश की अर्थव्यवस्था की हालत खराब कर दी है.
ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “नए आंकड़ों के आधार पर, हमारे विशेषज्ञों की टीम अब इस बात के लिए सहमत है कि हम युद्ध में अगला मोर्चा संभालने की शुरुआत कर सकते हैं.” लिहाजा “हम अपना देश खोल रहे हैं.”
कोरोना के कारण अमेरिका में लाखों लोग बेराजगार हुए हैं. न्यूयॉर्क फेडरल रिजर्व बैंक के अध्यक्ष जॉन विलियम्स ने चेतावनी दी है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को अपनी ताकत वापस पाने के लिए शायद “एक या दो साल का समय लगेगा”. लॉकडाउन के कारण होम बिल्डिंग मार्केट और मैन्युफैक्चरिंग को खासा नुकसान हुआ है.
ट्रंप नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनावों में फिर से किस्मत आजमाने वाले हैं और इसके लिए बड़े पैमाने पर इस बात का प्रचार कर रहे थे कि उनके कार्यकाल में बेरोजगारी में कमी आई है और अमेरिकी उत्पादन में वृद्धि हुई है.
ऐसे में रिपब्लिकन पार्टी के लिए यह एक मुश्किल समय है. उसके लिए कोरोना वायरस को रोकना भी जरूरी है और अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए सोशल डिस्टेंरसिंग हटाना भी.
ट्रंप ने कहा, ” हमारे आर्थिक जीवन को बहाल करने का हमारा दृष्टिकोण हमें तीन चरणों को बताता है. हम एक बार में सभी राज्यों को नहीं खोल रहे हैं. हम एक बार में एक कदम सावधानी से उठाएंगे. पहले हम कुछ राज्यों को खोलगें इसके बाद अन्य को.”
ट्रंप ने कहा, कुछ राज्य कोरोनो वायरस के प्रभाव से पूरी तरह मुक्त हैं और इसलिए उन्हें “वाकई कल” खोल सकते हैं.
यदि राज्य के गवर्नरों को लगता है कि ” उनके राज्य को बंद रहने की आवश्यकता है, तो हम उन्हें ऐसा करने की अनुमति देंगे. यदि वे मानते हैं कि यह फिर से खोलने का समय है, तो हम उन्हें उस कार्य को पूरा करने के लिए पूरी स्वतंत्रता और मार्गदर्शन देंगे. यह इस पर निर्भर करता है कि वे क्या चाहते हैं.”