अवैध कटाई , अवैध जुताई से जूझता वन अमला

बलरामपुर/धीरेन्द्र कुमार द्विवेदी. जिला भौगोलिक दृष्टिकोण से वन संपदा से परिपूर्ण है परंतु जंगलों की अंधाधुंध कटाई एवं जुताई ने वन अमला का हाल- बेहाल कर रखा है अब तो स्थिति यह बन जा रही है कि वन अमला एवं जनप्रतिनिधिगण आमने-सामने की स्थिति में आ  गये हैं बलरामपुर जिले के वन परिक्षेत्र में जहां एक ओर वनों की अवैध कटाई एवं जुताई तेजी से हो रही है वहीं धमनी वन परिक्षेत्र में एक मामला सामने आ रहा है जहां पर वन अमला की कार्यवाही के विरोध में जनप्रतिनिधियों ने एफ आई आर दर्ज कराने को लेकर आमने-सामने सामने आ गए हैं **धमनी वनपरीक्षेत्राधिकारी अशोक तिवारी से चर्चा हुई तो  उन्होंने  वन कर्मियों के द्वारा की गई कार्यवाही को  विधि संगत बताया और  मामले में प्रकाश डालते हुए बताया कि  वन अमला अपनी  जान की बाजी लगाकर  मध्य रात्रि में  कार्यवाही कर रहा है ऐसे मे कार्यवाही को प्रभावित करने के लिए वन अमला से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरपंच अपने आठ- दस साथियों के साथ ट्रैक्टर जब्ती की कार्रवाई को रोक लगाने का दबाव बना रहा था जब वन कर्मियों ने सरपंच की बात नहीं मानी तो सरपंच ने धमकी देते हुए देख लेने की बात कही , ऐसे में  वनकर्मियों  के विरुद्ध  किसी भी प्रकार की कार्यवाही से  हताशा की स्थिति निर्मित होगी एवं वन माफियाे का राज कायम हो सकता है बसेरा पंचायत के सरपंच का आरोप प्रथम दृष्टया बेबुनियाद है वनो की कटाई व अवैध कब्जा रोकना वन विभाग की पहली प्राथमिकता है और कार्यवाही लगातार होती रहेगी* ,
जबकि सरपंच ने वनविभाग के कर्मचारियों पर आरोप लगाया है कि उनके द्वारा गाली गलौज करते हुए जान से मारने की कोशिश की गई है जबकि वन अमला अपनी* कार्यवाही को अंजाम देने की बात कहकर कलेक्टर एवं वनमंडलाधिकारी बलरामपुर से वनकर्मियों को प्राप्त  कार्यवाही के दौरान धारा 197 के तहत दिए गए प्रावधानों की रक्षा की गुहार लगा रहे हैं ऐसे में यह समझ से परे है कि यदि जनप्रतिनिधि के साथ मारपीट हुई है तो उस वक्त हुए जंगल में क्या कर रहे थे और वन अमला का कहना है कि हम लोगों के द्वारा किसी भी तरह से मारपीट नहीं की गई है तो फिर चोट सरपंच को कैसे आई यह जांच का विषय बना हुआ है ऐसे में जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्रीय विधायक बृहस्पति सिंह से गुहार लगाते हुए मांग किया है कि दोषी वन कर्मियों के खिलाफ तत्काल एफ आई आर दर्ज कराते हुए कार्यवाही की जावे  ,वहीं वनकर्मियों ने भी मोर्चा खोल दिया है एवं जगह-जगह धरना प्रदर्शन हुआ साथ ही उग्र आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं ऐसे में देखना है कि जिला प्रशासन क्या कार्यवाही से दोनों पक्षों को संतुष्ट कर आ पाएंगे ?
,,, *जहां एक ओर वन कर्मियों ने आरोप लगाया है कि कार्यवाही से बचने एवं जप्त ट्रैक्टर को बचाने के लिए की जा रही है साजिश , वहीं जनप्रतिनिधियों ने द्वेष पूर्ण कार्यवाही करते हुए अनावश्यक फंसाने की बात कह रहे हैं,,,

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