अवैध हथियार रखने वाले एवं विक्रय करने वाले आरोपीगण को 3-3 वर्ष का कठोर कारावास

File Photo

सागर. न्यायालय सुश्री अरूंधति काकोडिया न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, देवरी सागर के न्यायालय ने आरोपी वीरेन्द्र पिता पंचम घोषी उम्र 45 साल निवासी महुआखेड़ा थाना सुरखी जिला सागर एवं आषाराम पिता शंकर लाल विष्वकर्मा उम्र 56 साल निवासी नबलपुर थाना सुरखी जिला सागर को धारा 25 आयुध अधिनियम में दोषसिद्ध पाते हुए दोनों आरोपीगण को 03-03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूप्ये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। मध्य प्रदेष शासन की ओर से पैरवी सहा. लोक अभियोजन अधिकारी श्री कपिल पाण्डे, देवरी ने की।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी दिनांक 20.02.2014 को सुवह करीब 11 बजे थाना गौरझामर में मुखविर से सूचना प्राप्त हुई कि थाना केसली के धारा 376 भादवि का आरोपी केवटाना मोहल्ले में देखा गया है। सूचना की तस्दीक हेतु उप निरीक्षक अन्य स्टाफ के साथ मौके पर पहुचे तो देखा तो आरोपी वीरेन्द्र मोटरसाइकिल से आ रहा था जिसे घेराबंदी कर पकडने की तैयारी की गई। आरोपी पुलिस को देखकर भागने लगा, जिसे पुलिस ने पीछा कर पकड़ लिया। उसकी तलासी ली गयी जिसमें उसके पास से 12 बोर का देषी कट्टा एवं उसमें 12 बोर का जिंदा कारतूस लोड था। आरोपी से पूछताछ करने पर उसने लायसेंस का न होना बताया और ग्राम नबलपुर थाना सुरखी निवासी आषाराम से क्रय किया जाना बताया। आरोपी आषाराम को पकड़ा गया एवं तलासी लेने पर उसके पास से एक 315 बोर का देषी कट्टा जप्त किया गया। उक्त घटना का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन, नक्सा मौका तैयार किया गया एवं आरोपीगण को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेष किया गया। सम्पूर्ण विवेचना पूर्ण कर अभियेाग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने मामले में आयी साक्ष्य को सूक्ष्मता से प्रस्तुत किया एवं महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किये और प्रकरण को संदेह से परे प्रमाणित कराया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया जिसमें आरोपी वीरेन्द्र पिता पंचम घोषी उम्र 45 साल को धारा 25(1)(ख)(क) आयुध अधिनियम में दोषसिद्ध पाते हुए 03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 रूप्ये का अर्थदण्ड एवं आरोपी आषाराम पिता शंकर लाल विष्वकर्मा उम्र 56 साल को धारा 25(1)(ख)(क) एवं 25(1)(क) आयुध अधिनियम में दोषसिद्ध पाते हुए 03-03 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000-1000 रूप्ये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!