आईजी की चेतावनी के बाद भी धड़ल्ले से जारी है नशे का कारोबार


बिलासपुर. शहर व आस पास के गांवों वरन पूरे संभाग में मुर्गी वाला और बंदर वाला नाम से गांजे की दुकान एक दशक पूर्व से चर्चित है। शहर में कहीं गांजा मिले या ना मिले लेकिन मुर्गी वाले और बंदर वाले के पास हमेशा थोक व चिल्हर सामान में उपलब्ध रहता है। इधर आईजी साहब बिलासपुर ने सख्त निर्देश हैं कि युवाओं के लिए नशे का जो लोग जहर घोल रहे हैं उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

अब सवाल यह उठता है कि नशे के कारोबारियों पर लगाम लगाने थानों की पुलिस द्वारा सख्त कदम उठाये जाएंगे या फिर खानापूर्ति की कार्रवाई कर वाहवाही लूटने का प्रयास किया जाएगा। क्योंकि जो लोग गांजे का कारोबार करते हैं वे पुलिस का हिस्सा सबसे पहले तय करते हैं ताकि उन्हें सहायता मिलती रहे और यहीं कारण है कि शहर में बेखौफ होकर नशे का कारोबार खुलेआम किया जा रहा है। शहर में बिगड़ी कानून व्यवस्था के लिए कोई और जिम्मेदार नहीं बल्कि स्वयं पुलिस कर्मचारी ही खाकी की गरिमा को तार-तार कर रहे हंै। विभागीय आला अधिकारियों के फरमान का असर कुछ दिन ही रहता है बाकी पूरे समय थानों में जमे नामी पुलिस कर्मचारी अपनी दुकानदारी वर्षों से चलाते आ रहे हैं।

बिलासपुर की शांतप्रिय जनता अवैध शराब-गांजा और मेडिकल नशे का कारोबारियों के आतंक से तंग हैं क्योंकि नामी पुलिस के कर्मचारी सरेआम रिश्वतखोरी करते हैं और थाने में शिकायत तक दर्ज तक नहीं करते। गुण्डागर्दी की सूचना देने पर भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंचती। थाने पहुंचने वालों से भी  दुव्र्यहार की जाती है। केवल सरकंडा थाना क्षेत्र के चिंगराजपारा में एक दर्जन लोग गांजे की पुडिय़ा बेचते हैं इनमें कुछ महिलाएं भी शामिल हैं। आलम यह है कि लोग खुलेआम सड़कों पर नशाखोरी कर हिंसक वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। रात्रि नौ बजे के बाद इस इलाके में आम आदमी पैर तक नहीं रख सकता। इसी तरह  चांटीडीह, मोपका, लिंगियाडीह, अशोक नगर में गांजा-अवैध शराब और मेडिकल नशे का कारोबार खुलेआम किया जा रहा है।

सकते में हैं थाना प्रभारी
आईजी ने नशे के कारोबार पर रोकथाम लगाने की दिशा में आम आदमी से अपील की है कि कोई भी उन्हें अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आईजी के निर्देश के बाद जिले भर के थाना प्रभारी सकते में है। सीपत, बिल्हा, चकरभाठा, सकरी आदि क्षेत्रों के ढाबों में खुलेआम शराबखोरी की जाती है। ऐसे में आईजी बिलासपुर को कोई सूचना प्रदान करता है तो थाना प्रभारी पर गाज गिरना तय है, जिसके चलते थाना प्रभारियों की धड़कने तेज हो गई है।

खुलेआम लिखी जा रही है सट्टा पट्टी
सरकंडा क्षेत्र के नूतन चौक, सीपत चौक, राजकिशोर नगर चौक, लिंगियाडीह चौक, अपोलो हॉस्पिटल और चांटीडीह में खुलेआम सट्टा-पट्टी लिया जा रहा है। सुबह से रात 8 बजे तक सटोरिये नंबर पर दांव लगवाते हैं। आलम यह है कि नबर लिखने के दौरान अगर कोई पुलिस कर्मचारी आस-पास दिखाई पड़ता है कि सट्टा किंग उसे वहां हटने को कह देता है। अवैध कारोबार करने वाले खुलेआम सीना तानकर कानून व्यवस्था को तार-तार कर रहे है।

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