आज विश्व मजदूर दिवस 1मई…

मजदूर था वह, मजबूर हो गया !
रोजगार उससे ही दूर हो गया!
सरहद तो लांघी अमीरों ने थी,
 गरीबों का कैसे कसूर हो गया!!
सैकड़ों मिलों पैदल उत्तर से दक्षिण पूरब से पश्चिम तक सड़कों पर सिर पर गृहस्थी का समान परिवार सहित ढोते चलते-फिरते कंधों पर बड़े बुजुर्ग एवं मासूम बच्चों को लेकर शहर से गांव लौटने को मजबूर है अपनी मंजिल की ओर निरंतर बढ़ते कदम का यह दृश्य आप नेशनल हाईवे या उससे लगे रोड़ों पर देख सकते हैं दुनिया भर में फैली करोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित मजदूर वर्ग जो लाॅकडाऊन होने के बाद से अपने जीवन को लेकर विचलित एवं चिन्तिती है!

अपनी कड़ी मेहनत  के दम पर विश्व की संरचना करने वाला यह वर्ग जिसकी कोई जाति धर्म नहीं कर्म पर विश्वास करते हुए कडी मेहनत एवं लगन शीलता से कार्य करने वाला या वर्ग आज सबसे ज्यादा प्रताड़ित एवं दुखी है आज विश्व मजदूर दिवस पर किस भावना के साथ बधाइयां शुभकामनाएं दूं समझ से परे है सभी मुश्किलों को हंसकर डालते हुए संघर्ष करने वाले श्रम वीरों को मेरा सादर प्रणाम!!

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