आज से भक्तों को दर्शन देंगी मां महामाया देवी


बिलासपुर. कोरोनावायरस कोविड-19 के संक्रमण की आशंका को रोकने के लिए देश में लागू हुए लॉकडाउन के समय से अन्य देवी मंदिरों और देवालयों की तरह ही जगत प्रसिद्ध सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर के द्वार भी आम भक्तों के लिए बंद कर दिए गए थे। इस दौरान मंदिर में पंडितों के द्वारा नियमित रूप से विधि विधान पूर्वक शास्त्रोक्त ढंग से पूजा अर्चना और आराधना का क्रम जरूर जारी रहा। लेकिन महामाया के‌ आम भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए मां महामाया मंदिर में प्रवेश निषेध था। अब माता के श्रद्धालुओं के लिए यह बेहद ही खुशखबरी की बात है कि महामाया मंदिर के पट कल सोमवार सुबह से आम भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। मां महामाया मंदिर ट्रस्ट समिति ने इस बाबत केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक दर्शनों की सारी तैयारियां पूरी कर ली है। इस बाबत जानकारी देते हुए मंदिर ट्रस्ट समिति के मैनेजिंग ट्रस्टी श्री सुनील संथालिया ने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा अपनी गाइडलाइन में जो भी नियम बताए गए हैं। महामाया मंदिर में उसके अनुरूप ही प्रवेश और मां के दर्शन की व्यवस्था की गई है।श्री संथालिया ने बताया कि कल (सोमवार) से प्रतिदिन सुबह 7 बजे से रात को 8 बजे तक सभी श्रद्धालु महामाया मंदिर में प्रवेश और मां के दर्शन प्राप्त कर सकेंगे। लेकिन केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार 65 वर्ष से ऊपर की आयु के बुजुर्गों और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

जूते चप्पलों और बेल्ट तथा चमड़े के सामान की मनाही और थर्मल स्क्रीनिंग का इंतजाम

सुनील संथालिया ने बताया कि मंदिर परिसर में कई सालों से स्थित जूते चप्पल स्टैंड की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। श्रद्धालुओं को अपने जूते चप्पल और चमड़े के बेल्ट वा बैग आदि अपने वाहनों में या फिर मंदिर परिसर के बाहर ही रखकर आना होगा।

थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था

मंदिर में प्रवेश द्वार पर ही थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग के बाद सैनिटाइजर की व्यवस्था भी मंदिर ट्रस्ट समिति द्वारा की गई है। इसके बाद ही मंदिर प्रांगण में प्रवेश दिया जाएगा।

भागवत मंच से मिलेगा प्रवेश और मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग भी जरूरी

मंदिर में प्रवेशार्थियों के बीच फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए पांच पांच फीट की दूरी पर निशान लगा दिए गए हैं। प्रवेश के लिए परंपरागत द्वार की बजाय भागवत द्वार से ही प्रवेश की व्यवस्था रखी गई है। वहीं श्रद्धालुओं को मास्क समेत सभी नियमों का पालन करना होगा।

सिर्फ दर्शन होगा प्रसाद नहीं

कोरोनावायरस कोविड-19 के संक्रमण की आशंका को देखते हुए मंदिर परिसर में तमाम व्यवस्थाएं मंदिर ट्रस्ट समिति के द्वारा कर दी गई हैं।इसी के अनुरूप श्रद्धालुओं को केवल और केवल दर्शन मात्र की ही सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी।किसी भी श्रद्धालुओं को अपने साथ प्रसाद या माला आदि ले जाने की अनुमति नहीं मिलेगी।

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