आसानी से वजन घटाने के लिए फॉलो करें Buddhist Diet, जानें क्या खाएं और क्या नहीं
बौद्ध डाइट कई मायनों में फायदेमंद है। अच्छी सेहत और फिटनेस के लिए बहुत से लोग यह डाइट फॉलो करते हैं। बौद्ध धर्म में उपवास का अर्थ इंटरमिटेंट फास्टिंग से है।
बौद्ध डाइट एक एशियाई आहार है, जो आमतौर पर बौद्ध धर्म के भिक्षुओं द्वारा फॉलो किया जाता है। यह आहार पूरी तरह शाकाहारी होता है और बहुत से लोग बौद्ध डाइट का पालन करते हैं। बौद्ध आहार के कुछ नियम हैं। यह डाइट अपनाने वाले व्यक्ति को पूरी तरह शाकाहारी भोजन करना चाहिए। साथ ही मांस खाने और शराब पीने से बचना चाहिए।
दरअसल, बौद्ध डाइट सेहत के लिए अच्छी मानी जाती है। यह तन और मन दोनों को शुद्ध रखती है। सेहत और फिटनेस को लेकर सक्रिय रहने वाले अधिकांश लोग बौद्ध डाइट अपनाते हैं। आइए जानते हैं क्या है बौद्ध डाइट? इस डाइट में कौन सी चीजें हैं शामिल।
बौद्ध डाइट क्या है?
बौद्ध डाइट में शामिल खाद्य पदार्थ
- सेब, केला, जामुन, सेब और खट्टे फल।
- ब्रोकोली, हरी बीन्स, शिमला मिर्च, टमाटर जैसी सब्जियां।
- काली बीन्स, दाल, किडनी बीन्स और छोले जैसी फलियां।
- होल ग्रेन जैसे चावल, ओट्स और क्विनोआ।
- अखरोट, बीज, ऑलिव ऑयल, एवोकैडो ऑयल और अलसी का तेल।
बौद्ध डाइट में इन खाद्य पदार्थों से है परहेज
- अंडा
- डेयरी
- मांस
- मछली
- मसाले
- शराब
बौद्ध डाइट के फायदे
- बौद्ध आहार में फल, सब्जियां, हेल्दी ऑयल और फलियां शामिल होती हैं। इससे मोटापा, हृदय रोग, डायबिटीज और अन्य क्रोनिक डिजीज का खतरा कम होता है।
- एक स्टडी के अनुसार, बौद्ध लंबे समय तक शाकाहारी भोजन का सेवन करते हैं। इसके कारण उनका बॉडी फैट कम होता है और वजन नहीं बढ़ता है।
- बौद्ध धर्म के लोग शराब का सेवन नहीं करते हैं, जिससे वे स्वस्थ रहते हैं।
बौद्ध डाइट के नुकसान
चूंकि बौद्ध लोग मांस, अंडा और डेयरी उत्पादों का सेवन नहीं करते हैं, इसलिए उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। उपवास बौद्ध आहार का एक मुख्य सिद्धांत है। लंबे समय तक भूखा रहने से कमजोरी हो सकती है।