इकबाल अंसारी की सलाह, सुन्नी वक्फ बोर्ड को मिली जमीन पर मस्जिद नहीं धर्मशाला बनाई जाए
अयोध्या. केंद्र सरकार द्वारा राम मंदिर के निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन करने के बाद राम जन्मभूमि न्यास ने कहा है कि राममंदिर का निर्माण इस साल रामनवमी से शुरू हो सकता है. न्यास के वरिष्ठ सदस्य महंत कमल नयन दास ने कहा कि मंदिरर का निर्माण अप्रैल में रामनवमी से शुरू हो सकता है. वहीं बाबरी मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने सलाह दी है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए दी गई जमीन का उपयोग अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए धर्मशाला बनाने में किया जा सकता है, जिसमें निशुल्क भोजन तथा आवास की सुविधा हो.
हाशिम अंसारी के बेटे हैं इकबाल अंसारी
इकबाल अंसारी मुस्लिम पक्ष की ओर से मुख्य पक्षकार हाशिम अंसारी के बेटे हैं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए राम जन्मभूमि के फैसले के मुख्य पक्षकार त्रिलोकीनाथ पांडे ने कहा कि राम जन्मभूमि न्यास के मुख्य ट्रस्टी महंत नृत्य गोपाल दास को शायद नवगठित ट्रस्ट में शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि वे तथा विहिप उपाध्यक्ष चंपत राय बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में आरोपी हैं.
उन्होंने हालांकि उम्मीद जताई कि उनके खिलाफ मुकदमा खत्म होने की स्थिति में वे ट्रस्ट में शामिल हो जाएंगे. यह मामला मार्च में खत्म हो सकता है. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि राममंदिर निर्माण जल्द से जल्द शुरू होना चाहिए. उन्होंने हिंदुओं से 25 मार्च से 8 अप्रैल के बीच प्रत्येक गांव और शहर में भगवान राम और राम जन्मभूमि की तस्वीरें लेकर बड़ी संख्या में इकट्ठे होकर जुलूस निकालने का आग्रह किया.
मंदिर निर्माण के लिए 60 प्रतिशत काम पूरा: विहिप
विहिप ने बुधवार को ही दावा किया था कि मंदिर निर्माण के लिए 60 प्रतिशत काम पूरा हो गया है और 2024-25 तक मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, विहिप के मॉडल के अनुसार ही राम मंदिर का निर्माण होगा, ऐसे में चंद्रकांत सोमपुरा ही मंदिर निर्माण का कामकाज कराएंगे. ध्यान रहे कि चंद्रकांत के दादा ने ही गुजरात में सोमनाथ मंदिर का निर्माण किया था. सोमपुरा परिवार पीढ़ियों से मंदिर निर्माण के काम में ही लगा हुआ है.
विहिप के मुताबिक, राम मंदिर का डिजाइन छह बार तैयार किया गया था. 30 साल पहले विहिप के तत्कालीन अध्यक्ष अशोक सिंघल ने ही मंदिर का मॉडल बनाने के लिए सोमपुरा को कहा था. उसी वक्त मंदिर के मॉडल और पत्थर तराशने का काम शुरू हुआ था. मंदिर का डिजाइन तैयार करने में छह महीने लगे. छह बार अलग-अलग डिजाइन तैयार किए गए. इसके बाद सिंघल और उनकी टीम को नागर शैली से बना डिजाइन पसंद आया.
भारत में मंदिर तीन शैलियों में ही बनते हैं
गौरतलब है कि भारत में मंदिर तीन शैलियों में ही बनते हैं. नागर, द्रविड़ और बैसर शैली. राम मंदिर नागर शैली में बनाया जाएगा. यह उत्तर भारत में प्रचलित है. इस शैली के मंदिरों की विशेषता है कि यह आधार से शिखर तक चतुष्कोणीय होते हैं. राममंदिर का डिजाइन खास है.
इसकी परिक्रमा वृत्ताकार होगी, जबकि गर्भगृह अष्टकोणीय होगा. दो मंजिला मंदिर में भूतल पर मंदिर और ऊपरी मंजिल पर रामदरबार होगा. इसके खंबों पर देवी-देवताओं की आकृतियां उकेरी जाएंगी. राममंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. विहिप के मॉडल के मुताबिक, मंदिर की चौड़ाई 150 फीट, लंबाई 270 फीट और गुंबद की ऊंचाई 270 फीट होगी.
विहिप ने कहा कि मंदिर निर्माण का शिलान्यास कार्यक्रम नवंबर 1989 में हो चुका है
विहिप सूत्रों के मुताबिक, मंदिर के गर्भगृह में पूजा होगी और फिर निर्माण काम शुरू हो जाएगा. विहिप ने यह भी कहा कि मंदिर निर्माण का शिलान्यास कार्यक्रम नवंबर 1989 में हो चुका है. ऐसे में इस बार शिलान्यास कार्यक्रम नही होगा. राममंदिर आंदोलन में मारे गए लोगों की याद में एक ढांचा भी बनाए जाने की योजना है. इस पर ट्रस्ट के सदस्य विचार करेंगे.