इकोनॉमिक ट्रांसफोर्मेशन एडवाइजरी काउंसिल का गठन, देश की 22 बड़ी हस्तियों के नाम शामिल


जयपुर. आर्थिक मोर्चे पर राजस्थान की रफ्तार को बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश में इकोनॉमिक ट्रांसफोर्मेशन एडवाइजरी काउंसिल (Economic Transformation Advisory Council) के गठन को मंजूरी दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसके अध्यक्ष होंगे. वहीं, स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल, फिल्म अभिनेत्री नंदिता दास जैसे 22 विशेषज्ञों को इस में बतौर सदस्य शामिल किया गया है.

काउंसिल में डॉक्टर अरविंद मायाराम, उपाध्यक्ष पूर्व आईएएस डॉक्टर गोविंद शर्मा सलाहकार को भी शामिल किया गया है. काउंसिल राज्य की आर्थिक वृद्धि और विकास में आ रही चुनौतियों को दूर करने के लिए राजकोषीय प्रबंधन रोजगार के अवसरों के सृजन की पहचान करेगी. प्रदेश में स्वास्थ्य स्वच्छता और शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं को प्रभावी रूप से लागू करने के संबंध में सलाह भी देगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसमें देश दुनिया की 22 बड़ी हस्तियों को सदस्य बनाया है. इन नामों में स्टील किंग लक्ष्मी निवास मित्तल, फिल्म अभिनेत्री निदेशक नंदिता दास, 13 वें वित्त आयोग में आर्थिक सलाहकार रह चुके डॉ. राथिन राय, पदम श्री डॉक्टर अशोक गुलाटी, वेदांता रिसोर्सेज के संस्थापक अनिल अग्रवाल, एचएसबीसी बैंक की मुख्य कार्यकारी अध्यक्ष रह चुकी नैना लाल किदवई शामिल हैं.

इसके अलावा नारायणा स्वास्थ्य के अध्यक्ष डॉ देवी शेट्टी, शैल इंडिया के पूर्व अध्यक्ष पेट्रोलियम अर्थशास्त्री विक्रम मेहता, भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव रह चुके केशव देसी राजू, एयरटेल के पूर्व अध्यक्ष नावेद खान, सरीन लिवर एंड बिलिअरी साइंसेज के निदेशक शिव कुमार, न्यूरोलॉजिस्ट अशोक पनगढ़िया, जयपुर विरासत फाउंडेशन के संस्थापक ट्रस्टी फैथ सिंह, भारतीय कला और संस्कृति के इतिहासकार डॉ. ज्योतिंद्र जैन, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कला विभाग की डीन कविता सिंह, भारतीय प्रबंध संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एरोल डिसूजा, इंफ्रास्ट्रक्चर ला विशेषज्ञ अमित कपूर कौशल और ग्रामीण आजीविका के सचिव रहे विजय कुमार, कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य राजीव गौड़ा, दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन में प्रबंध निदेशक मंगू सिंह, कंजूमर यूनिटी एंड ट्रस्ट सोसायटी के महासचिव प्रदीप मेहता, दिल्ली विश्वविद्यालय के उपकुलपति रहे प्रोफेसर दिनेश सिंह के नाम शामिल हैं.

इस काउंसिल की बैठक 6 महीने में एक बार होने अनिवार्य है. काउंसिल के कार्यकारी समूह का गठन किया जाएगा. इसमें सीएम विशेष विशेषज्ञों को मनोनीत करेंगे. समूह का दायित्व परिषद के लिए नीति पत्र तैयार करने और अनुसंधान एवं विश्लेषणात्मक गतिविधियों के साथ सार्थक सुझाव भी देना होगा. कुल मिलाकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा है कि राज्य में केंद्र सरकार से पर्याप्त सहयोग नहीं मिलने के चलते विकास योजनाओं में किसी प्रकार की बाधा नहीं हो. सरकार मौजूदा संसाधनों के जरिए इन विशेषज्ञों की मदद से प्रदेश के विकास की रफ्तार को बरकरार रख सके.

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