जारी आदेश मे कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति जो जुलुस में शामिल होने पर संक्रमित हो जाता है तो ईलाज का सम्पूर्ण खर्च कमेटी द्वारा किया जायेगा। जुलुस के समय अथवा जुलुस के पश्चात किसी भी प्रकार के सार्वजनिक भोज, भंडारा करने की अनुमति नहीं होगी। जुलुस में किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी। जुलुस में एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। जुलुस को गन्तव्य स्थल तक रास्ते में कही रोकने की अनुमति नहीं होगी। जुलुस के दौरान मार्ग में कही भी स्वागत पण्डाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। इन सभी शर्तो के अतिरिक्त भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय के आदेश 04 जून 2020 के अंतर्गत जारी एसओपी का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा। उक्त दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुये पाये जाने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60, भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 तथा महामारी एक्ट एवं अन्य सुसंगत विधिक प्रावधानों जो लागू हो के अंतर्गत विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जावेगी।