इस Psycho Killer के कारनामें जानकर रह जाएंगे दंग, अपनों की हत्या करने में आता था मजा


एटा. उत्तर प्रदेश (Utter Pradesh) के एटा जिले में पुलिस ने एक ऐसे साइको किलर (Psycho Killer) का खुलासा किया है, जिसने अपने दो भतीजों की हत्या की थी. इतना ही नहीं उसने अपने भाईयों की भी हत्या करने की साजिश रची थी. आरोपी चाचा ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को जो बताया उसने पुलिस को ना सिर्फ चौंका दिया बल्कि ये सोचने पर भी मजबूर कर दिया कि क्या पुलिस दो मासूम बच्चों की हत्या के आरोप में बेगुनाह लोगों को जेल भेज दिया था.

दरअसल, यूपी के एटा जिले के गांव धर्मपुर में दो बच्चो की हत्या हुई थी. पहली हत्या 4 फरवरी को पांच साल के सतेंद्र की गला दबाकर की गई थी. सतेंद्र की हत्या के आरोप में गांव के ही कालीचरन, श्रीमती और अजय को परिवार की शिकायत पर पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था.

जबकि 9 जून को सतेंद्र के चचेरे भाई प्रशांत की भी उसी तरह हत्या कर दी गई. बच्चे के परिवार वालों ने इस बार भी हत्या का शक कालीचरन की बेटी बीना, दामाद ठाकुरदास और भाई सत्यपाल पर जताया था. पुलिस इस बार भी जांच कर ही रही थी कि अचानक गुरुवार की रात तकरीबन 11 बजे विश्वनाथ नाम के व्यक्ति ने अपनी हत्या का प्रयास करने का आरोप अपने ही सगे भाई राधेश्याम पर लगाया.

विश्वनाथ ने थाने पहुंचकर अपने सगे भाई राधेश्याम के खिलाफ बिना वजह हत्या करने की कोशिश की रिपोर्ट दर्ज कराई तो पुलिस को मामला संदिग्ध लगा. क्योंकि इसी परिवार के दो मासूम बच्चों की हत्या हो चुकी थी. पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि राधेश्याम की शादी नहीं हुई थी और वो पांच भाईयों में सबसे छोटा था. जांच में ये भी पता चला कि राधेश्याम तंत्र-मंत्र की क्रियाओं में भी दिलचस्पी रखता था. पुलिस ने जब राधेश्याम को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल लिया.

उसने पुलिस को बताया कि वो सारी संपत्ति अपने नाम करना चाहता था इसलिए उसने सबसे पहले अपने भाईयों के बेटों को मारा और अब वो एक-एक कर सभी भाईयों की भी हत्या करना चाहता था.

आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसके निशाने पर परिवार के ही तीन और लोग भी थे. जिनकी जिंदगियां बच गई हैं. पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसको लोगों की हत्या करने से खुशी मिलती है.

पुलिस ने इस साईको किलर चाचा को अब दो मासूम बच्चों की हत्या और भाई की हत्या की कोशिश में गिरफ्तार कर लिया है. अब पुलिस अदालत को सारे तथ्य बताकर कत्ल के आरोप में बंद आरोपियों को जल्द रिहा करने की शिफारिश करेगी. वहीं अगर राधेश्याम अपने भाई की हत्या करने से नहीं चूकता तो पुलिस को शायद कभी भी इस साईको किलर के बारे में पता ही नहीं चल पाता.

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