एथलीट की सुरक्षा पर IAAF चेयरमैन का बड़ा बयान, जानिए एक्सक्लूसिव बातचीत में क्या कहा


नई दिल्ली. 2020 में वैश्विक एथलेटिक्स कॉम्पिटिशंस में एक अलग ही नजारा देखने को मिलेगा. ये कॉम्पिटिशन उससे बिल्कुल अलग होंगे, जैसे अब तक हम इन्हें देखा करते थे. यह मानना है वर्ल्ड एथलेटिक्स के सर्वोच्च कर्ता-धर्ता से लॉर्ड सेबेस्टियन को का.

WION के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत में इंटरनेशनल एमेच्योर एथलेटिक्स फेडरेशन (IAAF) के चेयरमैन और 2 बार के ओलंपिक चैंपियन लॉर्ड सेबेस्टियन को (Sebastian Coe) ने कहा कि खिलाड़ियों की सुरक्षा सबसे अहम सिद्धांत होगा, जिसे इस कोविड-19 (कोरोना वायरस) के समय में वर्ल्ड एथलेटिक्स दोबारा एक्शन में आने से पहले अहमियत देगी. डायमंड लीग सीजन का नया कार्यक्रम इस सप्ताह की शुरुआत में घोषित किया जा चुका है.

यह बेहद अहम कॉम्पिटिशन अगस्त में मोनाको में चालू होने के बाद अक्तूबर तक चलने वाला है. लॉर्ड को ने इस आयोजन के लिए कहा, “मीटिंग डायरेक्टर्स को इस बारे में खुद निर्णय लेना होगा कि कैसे काम्पिटिशन में खिलाड़ियों के एक सुरक्षित और बचाव वाले तरीके के साथ उतारा जाए ताकि संक्रमण फैलने का कोई खतरा न रहे.”

उन्होंने आगे कहा, “हर इवेंट में आयोजन से कम से कम दो महीने पहले ही कॉम्पिटिशन का फार्मेट इन सुरक्षा पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तय करना होगा. हर  कोई कॉम्पिटिशन को लौटने का इंतजार कर रहा है. आयोजकों को ताजा हालातों के हिसाब से जितना संभव हो सके, उतना ज्यादा चतुर और रचनात्मक होना ही होगा. यहां तक कि फैंस को भी स्टेडियम के अंदर लाइव खेल देखने के लिए जल्द ही अनुमति मिलने की संभावना नहीं है.”

लॉर्ड को ने इस बात पर जोर दिया कि फिलहाल सबसे अहम बात एथलीटों के लिए कॉम्पिटिशन में वापसी करना है. उन्होंने कहा,”हमें सरकारों, डब्ल्यूएचओ और स्थानीय प्रशासनों के निर्देशों का पालन करना होगा, लेकिन हमें अपने खुद के भी निर्णय लेने होंगे और ज्यादा संवेदनशील समझौते करने होंगे. एक समय होगा, जब खेल तय करेगा कि वह इवेंट्स के आयोजन के लिए तैयार है, चाहे इन सरकार, डब्ल्यूएचओ आदि की तरफ से मंजूरी न हो. हमें इनके निर्णय को सम्मान देना होगा, लेकिन हमारे खेल और एथलीटों के सर्वश्रेष्ठ हित वाले निर्णय भी लेने होंगे.”

वर्ल्ड एथलेटिक्स उन कुछ खेल संघों में से एक थी, जिन्होंने टोक्यो समर ओलंपिक को स्थगित करने के लिए मार्च में इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (आईओसी) पर दबाव बनाया था. देरी से निर्णय लेने के लिए आईओसी की आलोचना की गई थी, लेकिन लॉर्ड को का कहना है कि लंदन ओलंपिक-2012 का पूर्व प्रमुख होने के नाते वे इस बात को समझ सकते हैं कि ये निर्णय लेना कितना कठिन था.

लॉर्ड को ने यह अनुमान लगाने से भी इनकार कर दिया कि क्या 2021 में टोक्यो ओलंपिक बिना कोरोना वायरस की वैक्सीन या इलाज के आयोजित हों पाएंगे. उन्होंने अपनी बात को पूरा करते हुए कहा,”किसी के बारे में एक साल पहले अनुमान लगाने का कोई लाभ नहीं है. हम एथलीटों को कैलेंडर के बारे में थोड़ा स्पष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं. वैज्ञानिकों और मेडिकल विशेषज्ञों की अटकलों से कोई मदद नहीं मिलती है. मुझे आशा है कि वैश्विक महामारी पर नियंत्रण कर लिया जाएगा ताकि हमें खेलों को रद्द नहीं करना पड़े.”

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