ऐसे तय होता है कि आपके कौन-से अंग किसी दूसरे इंसान के काम आ सकते हैं
धीमी गति से ही सही हमारे देश में अब लोगों के बीच अंगदान को लेकर जागरूकता बढ़ने लगी है। जो कि एक अच्छी बात है। अब युवा भी हेल्थ एक्सपर्ट्स के पास अपने या फैमिली के…
कई युवा तो डॉक्टर्स से पूरी प्रॉसेस ही जान लेना चाहते हैं ताकि वे जल्द से जल्द फॉर्म भरकर इस बात का आवेदन कर सके कि उनकी मृत्यु के बाद उनके अंगों को दान करना है। मन में उठनेवाले इसी तरह के सवालों के जवाब हम इस आर्टिकल में लेकर आए हैं। जहां हेल्थ एक्सपर्ट्स से मिली जानकारी के आधार पर इस बात को बताया जा रहा है कि आप किस उम्र तक कौन-सा अंग दान कर सकते हैं…
कार्निया या आंखों का दान
-हमारे देश में यदि अंगदान को लेकर किसी बारे में सबसे अधिक जागरूकता लोगों के बीच है तो वह है आंखों का दान। जो लोग अपने जीते जी अपनी आंखों के दान से संबंधिक फॉर्म भर देते हैं, उनकी आखें उनकी मृत्यु के बाद किसी और को लगा दी जाती हैं।
अंगदान से जुड़ी जरूरी बातें
दिल और फेफड़ों का दान
-कोई व्यक्ति यदि अपना हार्ट और लंग्स दान करना चाहता है तो वह 50 साल की उम्र से पहले इस बारे में जानकारी देते हुए अंगदान से संबंधित फॉर्म भर सकता है। क्योंकि ऐसे ही व्यक्ति का हार्ट और लंग्स डॉक्टर किसी दूसरे व्यक्ति में प्रत्यारोपित करते हैं, जिनकी मृत्यु 50 साल की उम्र से पहले हुई हो।
क्यों करना चाहिए अंगदान?
-कोई व्यक्ति अपना गुर्दा (किडनी) और यकृत या कहिए कि लिवर दान करना चाहता है तो उसका लिवर उसकी मृत्यु के बाद किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में प्रत्यारोपित किया जा सकता है। एक व्यक्ति का गुर्दा दूसरे व्यक्ति में लगाने से पहले डॉक्टर्स इस बात का ध्यान रखते हैं कि मरनेवाले व्यक्ति की उम्र 70 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसा होता है तो फिर उस व्यक्ति का गुर्दा किसी और को लगाने से डॉक्टर्स परहेज करते हैं।
हड्डियों का दान
-यह एक ऐसा अंगदान है, जिसके बारे में आपने काफी कम सुना होगा। लेकिन यह सच है कि हड्डियों का भी दान किया जाता है। यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु 70 साल की उम्र से पहले हो जाती है तो उसके शरीर के हड्डी से किसी और व्यक्ति का इलाज किया जा सकता है।