औषधीय पौधों का ज्ञान स्वस्थ्य जीवन की पहचान अभियान


बिलासपुर.छत्तीसगढ़ राज्य के पहले त्योहार हरियाली तीज के सुअवसर पर होम हर्बल गार्डन योजना के तहत औषधीय पौधों का निशुल्क वितरण कार्य प्रारंभ किया गया,इस वर्ष रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु महत्त्वपूर्ण औषधीय पौधों का वितरण किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य औषधीय पादप बोर्ड वन विभाग छत्तीसगढ़ शासन रायपुर के सहयोग से परंपरागत वनौषधि प्रशिक्षित वैद्य संघ के संयुक्त तत्वावधान में गिलोय ,अडूसा, तुलसी, पिपली, अश्वगंधा, कालमेघ, गुड़मार, स्टीविया, सहिजन, निर्गुणी ,ब्राम्ही ,घृत कुमारी, मंडूपपर्णी आदि लगभग 15 औषधीय पौधों के निशुल्क वितरण की शुरुआत वन मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा की गई वन मंत्री ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में हमें अपनी स्वास्थ्य परंपरा को अपनाने और संरक्षित करने की आवश्यकता है, आदि काल से वनस्पतियों और मानव जीवन के बीच गहरा नाता है, प्रकृति प्रदत्त जीवन दायिनी वनस्पतियों से स्वास्थ्य सुरक्षा के साथ साथ हमारी सरकार रोजगार के अवसर विकसित हेतु दृढ़ संकल्पित है,इस वर्ष वनोपज के मूल्यों का निर्धारण और संग्रहण से वनवासियो और स्वसहायता समूहों को लाभ के अवसर प्रदान करने नीतिगत कार्य प्रारंभ किया गया है,और वनोपज के मूल्य संवर्धन के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। वैद्य संघ छत्तीसगढ़ के प्रांतीय सचिव निर्मल कुमार अवस्थी ने बताया कि आज से औषधीय पौधों का ज्ञान स्वस्थ्य जीवन की पहचान के लिए छत्तीसगढ़ लोक स्वास्थ्य परंपरा के संवर्धन अभियान के तहत हितग्राही मूलक इस कार्यक्रम की धमाकेदार शुरुआत हुई है जो निरंतर 15 सितंबर 2020 तक ग्रामीण क्षेत्रों व कस्बों एवं शहरी क्षेत्रों में हर्बल रथ के माध्यम से यह अभियान चलाया जाएगा। औषधीय पौधों के साथ साथ औषधीय पौधों के उपयोग की जानकारी हेतु एक मार्गदर्शिका पुस्तिका भी निःशुल्क दी जा रही है।आज इस अभियान की शुरुआत राजनांदगांव,दुर्ग, कोरबा, बिलासपुर से की गई है। इस कार्य में सहभागिता एवं सहयोग संजय कुलदीप, वैद्य लाला राम जंघेल, वैद्य मौर्वध्वज साहू, वैद्य महेश अंजोरिया एवं अन्य पारंपरिक वैद्यों और ग्रामीण वनस्पति विशेषज्ञों मौजूद रहे।

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