कमजोर हड्डियों से लेकर झड़ते बाल, ज्‍यादा डायटिंग करने वालों को हो सकती हैं ये दिक्‍कतें

वेट लॉस और फ‍िटनेस के ल‍िए कई बार हम बहुत ज्यादा डाइटिंग करने लगते हैं और हमें पता ही नहीं चलता क‍ि कब डाइट‍िंग के साइड इफेक्ट के श‍िकार हो जाते हैं।

एक स्ल‍िम ट्र‍िम, फ‍िट और टोंड बॉडी कौन नहीं पाना चाहता। लोग इस ख्वाह‍िश को पूरा करने के ल‍िए क्या नहीं कर गुजरते। खासकर ऐसे लोग जो मोटापे और बढ़ते वजन की परेशानियों से जूझ रहे हों। वेट लॉस के साथ ही हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, डायब‍िटीज और द‍िल की समस्याओं के खतरों को कम क‍िया जा सकता है।

हालांकि वजन घटाने के लिए कई बार हम ब‍िना डॉक्टर की सलाह ल‍िए जमकर डाइट‍िंग शुरू कर देते हैं, जो क‍ि सेहत के ल‍िए बहुत ज्यादा नुकसानदायक होता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं डाइट‍िंग के साइड इफेक्ट के बारे में।

​1. हो सकते हैं ड‍ीहाइड्रेशन के श‍िकार

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जमकर डाइटिंग करने से तुरंत वेटलॉस या फ‍िटनेस म‍िलना केवल एक झूठ है। क्योंक‍ि ऐसा करने से आप जो भी कंपाउंड कम करते हैं, वह फैट की बजाय पानी से वापस आ जाते हैं। जब आप स‍ीम‍ित मात्रा में कैलोरी लेना शुरू करते हैं तो फैट से पहले एनर्जी का जो सोर्स सबसे पहले बर्न होता है, वह है- ग्लायकोजेन। ग्लायकोजेन एक तरह का कार्बोहाइड्रेट ही है, जो ल‍िवर और मसल्स में ल‍िक्व‍िड फॉर्म में जमा होता है। ड‍ीहाइड्रेशन के कारण सिरदर्द, थकान और चक्कर की श‍िकायत हो सकती है।

​2. हो सकती है डायब‍िटीज

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बहुत ज्यादा डाइट‍िंग के चलते कम किया हुआ वजन वापस बढ़ जाता है। 2013 में डायब‍िटीज को लेकर की गई एक स्टडी के मुताब‍िक, ये टाइप-2 डायब‍िटीज का कारण बन सकता है।
​3. हार्ट मसल्स ब्रेक डाउन का खतरा
कुपोषण और ओवर डाइटिंग का आपस में गहरा र‍िश्ता है। कुपोषण से पूरे शरीर की मसल्स को नुकसान हो सकता है। अगर बहुत तेजी से वजन कम हो रहा है तो हार्ट की मसल्स को भी नुकसान पहुंच सकता है। कमजोर दिल एक गंभीर समस्या है जो जानलेवा भी साब‍ित हो सकती है।

​4. धीमा हो जाता है मेटाबॉल‍िज्म

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जब कोई ओवर डाइट‍िंग कर रहा होता है, तो शरीर में कैलोरी की कमी और एनर्जी के लेवल में गिरावट महसूस होना लाज‍िमी है। इससे मेटाबॉल‍िज्म स्वाभाविक रूप से एनर्जी बचाने के लिए धीमा होगा। इससे वजन कम हो सकता है और मसल्स टोन खत्म हो सकता है।
​5. कुपोषण की चपेट में आने की पूरी संभावना
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ओवर डाइट‍िंग के मामले में बहुत ज्यादा परहेज से कई पोषक तत्वों जैसे- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन (खासतौर से विटामिन-ए, डी, ई, और के) और म‍िनरल्स- कैल्शियम, फॉस्फोरस, सोडियम की कमी हो जाती है। ये सभी डाइट के जरूरी ह‍िस्से हैं और खाने में इनकी गैरमौजूदगी कई बीमार‍ियों का कारण हो सकती है। रेगुलर डाइट को अचानक से शुरू करने से फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और पोटेशियम का लेवल गिर सकता है जो हार्ट फेल का कारण बन सकता है।

​6. डिप्रेशन का जोखिम

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द जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंस में प्रकाशित एक र‍िसर्च के मुताब‍िक, ओवर डाइट‍िंग या किसी क्रैश डाइट लेने के नतीजतन द‍िमाग के स्ट्रैस हार्मोन कॉर्टिकोस्टेरोन का लेवल बढ़ जाता है। जिससे मस्तिष्क तनाव के प्रत‍ि अतिसंवेदनशील हो जाता है और डिप्रेशन का जोखिम बढ़ जाता है।
​7. पीर‍ियड्स से जुड़ी समस्याओं पर भी असर
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ओवर डाइट‍िंग से तेजी से वजन कम हो सकता है जो महिलाओं के शरीर की सभी नॉन सर्वाइवल फंक्शन को बंद करने का दबाव बना सकता है। यह पीर‍ियड्स साइकिल पर भी असर डाल सकता है।

​8. हो सकती है कब्ज‍ियत की श‍िकायत

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​9. मूड ऑफ और थकावट महसूस

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ओवर डाइट‍िंग में सही मात्रा में खाना नहीं खाते हैं। हार्मोनल बदलाव और ब्लड शुगर के लो-लेवल होने के कारण यह हमारे मूड पर असर कर सकता है। जब एनर्जी लेवल ग‍िरता है तो शरीर काफी थका हुआ महसूस करता है और मूड खराब हो सकता है।

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