September 10, 2020
कलेक्टर व डीएफओ के फर्जी हस्ताक्षर से 12 सौ एकड़ का पट्टा जारी
बलरामपुर/धीरेन्द्र कुमार द्विवेदी. बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर व रामचंद्रपुर ब्लॉक में 12 सौ एकड़ शासकीय जमीन का फर्जी पट्टा जारी किए जाने का रहस्योद्घाटन पुलिस की जांच में हुआ है। अब तक की जांच में 227 फर्जी पट्टे जब्त किए गए हैं। फर्जी पट्टा जारी करने के आरोप में सूरजपुर वनमंडल कार्यालय का कार्यालय सहायक सहित तीन लोगों की संलिप्तता उजागर हुई है। तीनों को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। आरोपितों के कब्जे से कंप्यूटर, स्कैनर, फर्जी सील मोहर जब्त की गई है।
वाड्रफनगर एसडीओपी डॉ. ध्रुवेश जायसवाल ने बताया कि वाड्रफनगर तहसीलदार रामराज सिंह द्वारा क्षेत्र में फर्जी पट्टा जारी किए जाने की शिकायत के आधार पर जांच शुरू की तो मूलतः ग्राम बरतीकला निवासी व सूरजपुर वनमंडल कार्यालय में कार्यालय सहायक बैजनाथ पांडेय 58 वर्ष, ग्राम गुरमुटी निवासी रामवृक्ष आयाम 55 वर्ष व पुलिस चौकी रेवटी अंतर्गत पंचम पटेल की संलिप्तता सामने आई। इनके अलावा फर्जीवाड़े में कई और लोगों का नाम भी सामने आए, लेकिन फिलहाल जांच में सबूत की कमी से उन्हें जांच के दायरे में रखा गया और तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया। एसडीओपी के मुताबिक तीनों आरोपित गिरोह बनाकर फर्जी पट्टा जारी करने में लगे थे। आरोपितों द्वारा फर्जी पट्टा जारी करने के एवज में लगभग 13 लाख रुपये की वसूली की गई है। वाड्रफनगर व रामचंद्रपुर विकासखंड के 21 गांवों में कुल 227 फर्जी पट्टा जारी किया गया है। इसमें से 197 पट्टे आदिवासियों को 30 पट्टा अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को जारी किए गए हैं। अधिकांश पट्टा वन अधिकार का दिया गया है। जांच व आरोपितों की गिरफ्तारी में थाना प्रभारी बसंतपुर निरीक्षक राजकुमार धृतलहरे, चौकी प्रभारी वाड्रफनगर कोमलभूषण पटेल, एएसआई केपी सिंह, प्रधान आरक्षक अश्वनी सिंह, धनसिंह शांडिल्य, नंदलाल, नरेश मिंज, ओमप्रकाश कुर्रे, अंकित जायसवाल, सुरेंद्र उइके, अरविंद सिंह, भूपेंद्र मराबी, जुगेश जायसवाल, अरूण तिर्की, विवेक पांडेय, बृजभान सक्रिय रहे।
क्या थी आरोपितों भूमिका
आरोपित बैजनाथ पांडेय- फर्जी वन अधिकार पत्रों पर फर्जी सील मोहर लगाकर कलेक्टर, वनमंडलाधिकारी और सहायक आयुक्त आदिवासी विकास का फर्जी हस्ताक्षर कर उगाही पश्चात वितरित करता था फर्जी पट्टा। आरोपित रामवृक्ष आयाम- गांव-गांव में घूमकर वन अधिकार पत्र की चाहत रखने वाले ग्रामीणों से संपर्क कर रूपये संग्रहित कर सूची बैजनाथ पांडेय तक लाता था। फर्जी पट्टा बनाने के बाद पहुंचाने का काम भी यही करता था।
इन सामग्रियों की जब्ती
आरोपितों और पट्टा प्राप्त करने वालों से 227 नग फर्जी पट्टा, सील, हरा व काला पेन, कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर की जब्ती।
इन गांवों में जारी हुए पट्टे
आरोपितों द्वारा ग्राम बलंगी के भरूहीबांस में पांच, हरिगंवा में पांच, बगईनार में पांच, लंगड़ी, सरना, शंकरपुर में तीन-तीन, जनकपुर में चार, बेतो में 28, गिरवानी में 40, बभनी में पांच, जौराही में दो, केसारी में पांच, करमडीहा में पांच, सरूवत में एक, गुरमुटी में 46, लोधी में छह, रामनगर में तीन, रजखेता में आठ, बरतीकला में पांच, ओदारी में आठ, गोवर्धनपुर में 15 फर्जी पट्टा जारी कर 13 लाख वसूले गए हैं।