कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर योगी सरकार के खोखले दावे पर कांग्रेस ने कहा, छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार से लें सीख

रायपुर. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मो. असलम ने उत्तर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था, मॉबलिचिंग और अफवाहों के बाजार गर्म होने से हो रही अनियंत्रित हिंसक वारदातों पर भाजपा शासित राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दावों पर सवाल उठाया है। योगी जी ने अपने छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान कहा था कि यदि कानून व्यवस्था देखना है कि तो उत्तर प्रदेश आइये। लेकिन आज सबसे ज्यादा बिगड़ती कानून व्यवस्था उत्तर प्रदेश में ही दिखाई देती है। जहां अफवाहों का बोल-बाला है और सरकार और पुलिस हिंसक वारदातों को रोक पाने में पूरी तरह विफल है। चिंताजनक बात यह भी है कि गौकशी की सर्वाधिक अफवाहें हो, महिलाओं की चोटी कांड की अफवाह हो, नमक की कमी होने की अफवाह हो, बच्चा चोरी होने की अफवाह हो सभी तरह की अफवाहों और अपराधों की शुरुआत उत्तर प्रदेश से ही होती है। ऐसा नहीं है कि उत्तर प्रदेश में भीड़ की हिंसक वारदातों के विरुद्ध मामले दर्ज नहीं हो रहे हो। सब कुछ हो रहा है पर सरकार का अपराधों की रोकथाम में हीला-हवाला, लचीली व्यवस्था और अपराध को न्यायालय में सिद्ध कराने में हो रही पुलिस की नाकामयाबी आम जन-जीवन को भयभीत कर रखी है। उन्नाव, बरेली, उधमसिंह नगर, शामली, अंबेडकर नगर, संभल, हापुड़, महाराजगंज, गाजियाबाद, आजमगढ़, मेरठ, फतेहपुर, देवरिया, रामपुर सहित कई जिलों में कानून व्यवस्था पर प्रश्न खड़ा हो गया है। चोरी तथा अन्य आशंकाओं में हिंसक भीड़ द्वारा सरिया, डंडा-लाठी से मारने का सिलसिला थम नहीं रहा है। राज्य में बेकसूर मारे जा रहे हैं और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।

प्रवक्ता मो. असलम ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में अफवाहों के चलते हिंसक वारदातों का यह आलम है कि कौन कब भीड़ का शिकार हो जाए, यह कहा नहीं जा सकता है। समूचे राज्य में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति, हिंसक वारदातों और अफवाहों की वजह से जन-जीवन में अस्थिरता है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अपराधों को नियंत्रित करने में विफलता और सजा दिलाने में नाकामी के कारण अपराध फल-फूल रहा है और अपराधियों का हौसला बुलंद हैं। यदि योगी जी को कानून व्यवस्था देखनी है तो छत्तीसगढ़ आकर भूपेश सरकार की और पुलिस की कानून व्यवस्था देखने के लिए यहां आना चाहिए और अपराधों को नियंत्रित करने की सीख हासिल करनी चाहिए।

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