किरायादारों को किराया देने या मकान खाली करने के लिये बाध्य नहीं किया जा सकेगा
बिलासपुर. कोरोना वायरस कोविड-19 के संपर्क से पीड़ित संदेही से दूर रहने की सख्त हिदायत है। एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897 के संदर्भ में शासन द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बिलासपुर की सीमा क्षेत्र में संक्रमण से बचाव एवं स्वास्थ्यगत आपातकालीन स्थिति को नियंत्रण में रखने हेतु संस्थानों के लिये संस्थानों के लिये आदेश जारी किये गये हैं। जिले में कई दैनिक मजदूरी में संलग्न लोगों एवं अन्य किरायेदारों द्वारा लगातार इस समस्या से अवगत कराया जा रहा है कि मकान मालिक द्वारा किराया देने हेतु बाध्य किया जा रहा है तथा नहीं देने पर मकान खाली करने हेतु परेशान किया जा रहा है, जिसके कारण ये लोग अपने मकानों को छोड़कर अपने मूल स्थानों के लिये जाने को विवश हो रहे हैं। इस स्थिति से जिले में दो प्रकार की विकट स्थिति उत्पन्न हो गई हैं। ऐसे मजदूर/कर्मचारी जिले के विभिन्न मार्गों पर आकर अपने-अपने गृह जिलों को जाने को विवश हो रहे हैं, जिससे कोरोना वायरस के फैलने की संभावना और भी अधिक होती जा रही है। ऐसे कर्मचारी/मजदूर जो आवष्यक वस्तुओं के उत्पादन/वितरण से जुड़े हुए हैं के अपने गृह जिले की ओर प्रस्थान करने के लिये विवश होने के कारण जहां एक ओर इन आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन/वितरण बाधित हो रहा है वहीं दूसरी ओर, यह स्थिति वर्तमान परिस्थितियों को और भी अधिक प्रभावित कर प्रतिकूल स्थिति उत्पन्न कर सकती है। परिस्थतियों की संवेदनशीलता के दृष्टिगत कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी डाॅ.संजय अलंग द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत आदेश दिया गया है कि बिलासपुर जिले के किसी भी भवन स्वामी द्वारा जिले के किसी भी मजदूर/कर्मचारी जो जिले के विभिन्न ईकाईयों/कम्पनियों/कार्यालयों/