किसानों और मजदूरों की हितरक्षा के प्रावधानों को मोदी सरकार कर रही है ध्वस्त


रायपुर. इंटुक सहित देश के मजदूर संगठनों द्वारा केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा लाए गए श्रम विरोधी और किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर को 1 दिन का राष्ट्रीय हड़ताल आयोजित की गई है। श्रमिक संगठनों के साथ-साथ बीमा, बैंकिंग, रेलवे, केंद्रीय और राज्य स्तर के कर्मचारी संगठनों और मजदूर संगठनों द्वारा आयोजित इस बंद में कांग्रेस ने भाग लेने का निर्णय लिया गया है जो 25 नवंबर को अर्धरात्रि से शुरू होकर 26 नवंबर की अर्धरात्रि तक प्रभावशील रहेगा।

भारत में कर्मचारियों और मजदूरों के हितों की रक्षा के कानून पंडित जवाहरलाल नेहरू और श्रीमती इंदिरा गांधी के द्वारा बनाया गया। डॉ. साहेब अम्बेडकर के बनाये गये संविधान में किसानों और मजदूरों की हितरक्षा का प्रावधान किया है। जिसे मोदी सरकार ध्वस्त करने में लगी है। इसी का राष्ट्रव्यापी विरोध हो रहा है।

मोदी सरकार के द्वारा लाए गए चार श्रमिक कोड पूरी तरह से मजदूर विरोधी कर्मचारी विरोधी है और इन्हें संसद में बिना किसी प्रजातांत्रिक प्रक्रिया के पास किया गया। व्यवसाय करने की सुविधा के नाम पर केंद्र सरकार कारपोरेट घरानों और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए देश की संपदा को लूटने और मजदूर किसानों के शोषण का मार्ग प्रशस्त कर रही है जो पूरी तरीके से देश के लोगों की इच्छाओं और आकांक्षाओं के खिलाफ है और सर्वहारा वर्ग के हितों के खिलाफ है। मोदी सरकार के मजदूर विरोधी, कर्मचारी विरोधी और किसान विरोधी रवैये के खिलाफ आम हड़ताल के समर्थन के लिये आम जनता से आव्हान किया है।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों और कांग्रेस के मोर्चा संगठनों को इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल और बंद के आयोजन में तथा अन्य मजदूर संगठनों की समन्वय समिति को सहयोग देने के लिए निर्देशित करते हुये राष्ट्रव्यापी हड़ताल और अन्य प्रदर्शनों में 26 नवंबर के आयोजनों में भाग लेने के लिए कहा है।

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