किसानों का आंदोलन 9वें दिन भी जारी, जाम से परेशान दिल्ली


नई दिल्ली. कृषि कानूनों (Agriculture Law) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों और सरकार के बीच गुरुवार को हुई चौथे दौर की बातचीत बेनतीजा रही और किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) शुक्रवार (4 दिसंबर) को भी जारी है. करीब साढ़े सात घंटे चली बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार ने किसानों की बातों के ध्यान से सुना है और अब 5 दिसंबर को अगले दौर की बातचीत होगी. वहीं किसानों ने कहा कि समाधान निकलने तक आंदोलन जारी रहेगा.

दिल्ली से लगी सीमाएं आज भी रहेंगी बंद
किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) की वजह से दिल्ली के हरियाणा और उत्तर प्रदेश से सटे कई इलाकों में आज भी जाम रह सकता है, क्योंकि दिल्ली से लगी कई सीमाएं आज भी बंद रहेंगी. सिंघु बॉर्डर से यूपी गेट तक दिल्ली के बाहरी हिस्सों में बड़ी संख्या में किसान अब भी जमे हुए हैं और अब देश के अन्य राज्यों से भी किसान यहां पहुंचने लगे हैं. ट्रैफिक पुलिस ने बॉर्डर से यात्रा करने वालों को वैकल्पिक रास्ता चुनने की सलाह दी है.

साढ़े सात घंटे बैठक में 5-6 मुद्दों पर हुई चर्चा
कृषि बिल का विरोध कर रहे किसानों और सरकार के बीच गुरुवार को साढ़े 7 घंटे से अधिक बातचीत चली, जो बेनतीजा रही. किसान 3 नये किसान कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. वहीं, वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि 5-6 मुद्दों पर चर्चा हुई. साथ ही उम्मीद जताई की शनिवार को होनी वाली अगले दौर की बातचीत में कुछ ना कुछ हल निकाल लिया जाएगा.

बैठक में कब क्या हुआ?
दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान और सरकार के बीच दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर बातचीत शुरू हुई. सबसे पहले किसानों ने अपनी बात रखी. किसानों के हर सवालों का पहले कृषि सचिव ने सिलसिलेवार जवाब दिया और उनका भ्रम खत्म करने की कोशिश की. दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर लंच के लिए वार्ता को ब्रेक दिया गया. लंच के दौरान सरकार की तरफ से किसानों के खाने का इंतजाम किया गया था, लेकिन किसानों ने सरकार का खाना की बजाय अपने साथ लाया लंगर खाया. लंच के बाद 4 बजकर 15 मिनट पर दोबारा बैठक शुरू हुई. फिर शाम 6 बजे 50 मिनट का टी ब्रेक हुआ, लेकिन किसानों ने चाय भी बाहर से मंगवा कर पी. इसके बाद शाम 6 बजकर 50 मिनट पर फिर से बैठक शुरू हुई, जो कि शाम साढे 7 बजे तक चली. सूत्रों के मुताबिक किसानों के साथ बैठक में मौजूद वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गृहमंत्री अमित शाह को बैठक की पूरी जानकारी दी.

अवॉर्ड वापसी का सिलसिला भी हुआ शुरू
कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में अब अवॉर्ड वापस करने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) ने पद्म विभूषण सम्मान वापस कर दिया है. प्रकाश सिंह बादल ने अवॉर्ड वापस करने की वजह नए किसान कानून को बताया है. उन्होंने कहा कि किसानों की चिंताओं को दूर करने का वादा करके बीजेपी की केंद्र सरकार ने किसान अध्यादेश पारित किया और शिरोमणि अकाली दल को गुमराह किया है, इसलिए हमने मंत्रालय और NDA को छोड़ा. हम राष्ट्रपति से अपील करते हैं कि वो हस्तक्षेप कर किसानों के मुद्दों को हल करें.

बीजेपी ने अवॉर्ड वापसी को बताया अशोभनीय
प्रकाश सिंह बादल के अवॉर्ड वापसी के बाद बीजेपी नेता विजय सांपला ने कहा, ‘उनके ऐसे रवैये को शोभनीय नहीं कह सकते. अवॉर्ड आपकी शोभा के लिए था, ये भारत सरकार की तरफ से एक सत्कार था.’ बता दें कि पंजाब के कई खिलाड़ियों ने भी अवॉर्ड वापस करने की बात कही है, जिनमें पुर्व हॉकी खिलाड़ी परगट सिंह और राजवीर कौर, पहलवान करतार सिंह बास्केटबॉल खिलाड़ी सज्जन सिंह चीमा शामिल हैं. सभी खिलाड़ी 5 दिसंबर को राष्ट्रपति भवन जाएंगे.

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