किसानों के साथ कोई हल क्यों नहीं निकला? कृषि मंत्री ने दिया ये जवाब
नई दिल्ली. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा है कि किसान यूनियनों के नेता सोमवार को हुई बातचीत में नए कृषि कानूनों (New Farm Law) को रद्द करने की मांग पर अड़े रहे. इसी कारण वार्ता में कोई रास्ता नहीं निकल पाया. उन्होंने उम्मीद जताई कि अगली बैठक में किसानों के साथ सार्थक चर्चा होगी और कोई बीच का रास्ता निकल आएगा.
मंत्रियों ने किसानों की मौत पर दुख जताया
किसान नेताओं के साथ सोमवार को विज्ञान भवन में हुई सातवें दौर की वार्ता में कृषि मंत्री तोमर (Narendra Singh Tomar) के साथ रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य- उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश भी मौजूद थे. तोमर ने कहा,’आज की बातचीत अच्छे माहौल में हुई और आशा है कि आगे भी सार्थक चर्चा होगी.’ उन्होंने कहा कि अब अगले दौर की वार्ता 8 जनवरी को होगी. इससे पहले वार्ता शुरू होने पर तीनों मंत्रियों ने किसान आंदोलन के दौरान दिवंगत हुए किसानों के प्रति दुख जताया.
दूसरे राज्यों के किसानों से भी बात करेगी सरकार
कृषि मंत्री (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि सरकार किसान प्रतिनिधियों के साथ खुले मन से चर्चा करके समाधान के लिए हरसंभव प्रयासरत है. लेकिन इसके लिए दोनों ओर से कदम आगे बढ़ाने की जरूरत है. सरकार सभी सकारात्मक विकल्पों को ध्यान में रखते हुए विचार करने के लिए तैयार है. मंत्री ने कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कृषि सुधार कानूनों पर अन्य राज्यों के किसान संगठनों से भी बात की जाएगी.
‘किसान यूनियनों को बिंदुवार आपत्तियां देने का आग्रह’
उन्होंने कहा,’हम इन तीनों कानूनों पर बिंदुवार चर्चा करने के लिए तैयार हैं. हमने किसान यूनियनों को प्रस्ताव दिया कि जिन-जिन बिंदुओं पर आपको आपत्ति हो, आप हमें बताएं. हम उन पर विचार करके उचित संशोधन के लिए तैयार हैं.’ अभी किसानों की बिंदुवार आपत्ति नहीं आई है. जब ये आपत्तियां मिल जाएंगी तो सरकार उन पर तुरंत उचित कार्रवाई करने की कोशिश करेगी.