किसानों को फायदा पहुंचने पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को पेट में दर्द क्यों होता है : अटल श्रीवास्तव
बिलासपुर. राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ के किसान मुख्यमंत्री ने किसान पुत्र होने का फर्ज निभाते हुए पहली किष्त राजीव गांधी जी की पुण्यतिथि के अवसर पर 21 मई को उनके खाते में राशि स्थानांतरित कर दी। केवल धान बोने वाले किसानों ही नहीं वरन् गेहूं, मक्का, गन्ना और तिलहन उत्पादन करने वाले किसानों को भी 10000/- प्रति एकड़ की दर से राशि प्रदान की गई है। यह राशि ऐसे समय में किसानों को दी गई, जब किसान को नगद पैसे की आवश्यकता थी, वैष्विक महामारी के इस दौर में मुख्यमंत्री ने एक तरफ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्यों की प्रारम्भ कर रखी थी, मनरेगा के माध्यम से मजदूरों को काम दिया जा रहा है, वहीं किसान न्याय योजना के तहत् किसानों को भी सहायता प्रदान कर दी गई। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने उक्त बातें कहते हुए भारतीय जनता पार्टी के डाॅ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए किसानों का शोषण करने वाली सरकार संकल्प पत्र में संकल्प लेकर किसानों का बोनस ना देने वाली सरकार नान घोटाला के माध्यम से गरीबों का चांवल छीनने वाली सरकार और पार्टी के लोग जैसे ही देखते हैं कि किसानों और मजदूरों को फायदा पहुंचा रही है तो भाजपा वालों के पेट में दर्द होने लगता है। श्रीवास्तव ने कहा कि इस योजना का लाभ भाजपा के किसानों को भी मिलेगा। उन्हें इसका स्वागत करना चाहिए, छत्तीसगढ़ बनने के बाद पहली बार छत्तीसगढ़ीया एवं किसान मुख्यमंत्री बना है और जिसका लाभ किसानों, मजदूरों को मिलने लगा है, पूरे देश में किसानों को फायदा पहुंचाने वाली पहली सरकार छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार है, जिसने 2500/- प्रति क्विंटल में धान खरीदकर किसानों की दशा और दिशा बदलने का काम किया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत भूमिहीन कृषक मजदूरों को भी सहायता देने की योजना बनाई जा रही है, जिसके लिए मुख्यमंत्री ने सचिव स्तरीय समिति गठित कर दी है, रिपोर्ट प्राप्त होते है, उस योजना को प्रारम्भ किया जायेगा। राहुल गांधी ने इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि 20 लाख करोड़ की प्रधानमंत्री जी की योजना सिर्फ भाषणों और कागजों में है, राजीव गांधी किसान न्याय योजना घोषित होते ही नगदी में बदल गई।