किसान आंदोलन का 17वां दिन, इन राजमार्गों को आज करेंगे जाम
नई दिल्ली. नए कृषि कानूनों (New farm law) को रद्द करने की मांग को लेकर धरना दे रहे किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) का आज 17वां दिन है. किसानों ने आज दिल्ली को जोड़ने वाली सड़कों को जाम करने का फैसला किया है. किसानों ने छठे दौर की वार्ता बेनतीजा होने के बाद कहा था कि 12 और 14 दिसंबर को वो कुछ बड़ा करेंगे.
आज टोल प्लाजाओं को फ्री कराएंगे किसान
किसान 12 दिसंबर यानी आज दिल्ली- जयपुर हाइवे (Delhi-Jaipur Highway) को बंद करेंगे. किसानों ने आज दिल्ली-आगरा एक्सप्रेस वे को भी बंद करने का ऐलान किया. इसके अलावा किसान देश के सभी टोल प्लाजा को आज फ्री भी कराएंगे.
दिल्ली और आसपास के जिलों में पुलिस बल तैनात
किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) को देखते हुए दिल्ली के आसपास आज भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. पुलिस का कहना कि किसी भी तरह की अप्रिय घटना की हालत में वो आपराधिक धाराओं के तहत कार्रवाई करेंगे. गुरूग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में भी नेशनल हाइवे पर भारी पुलिस बल तैनात किया जा रहा है. साथ ही प्रदर्शनकारियों पर ड्रोन से भी नजर रखी जाएगी.
किसानों को कृषि कानूनों के फायदे बताएगी सरकार
उधर केंद्र सरकार ने भी अब नए कृषि कानूनों पर किसानों के भ्रम को तोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी ने फैसला किया है कि वो अब पूरे देश में लोगों के बीच पहुंचकर नए कृषि कानूनों के फायदे लोगों को बताएगी. पार्टी ने इसके लिए करीब 100 बैठकें आयोजित करने की योजना बनाई है जिसमें वो केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के पक्ष में प्रचार करेगी.
पीएम ने किसानों से कृषि मंत्री को सुनने की अपील की
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी शुक्रवार को एक ट्वीट कर किसानों (Farmers Protest) से कृषि मंत्री की बातें सुनने की अपील की. उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री और वाणिज्य मंत्री की प्रेस वार्ता का लिंक शेयर कर लिखा कि,’मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर जी और पीयूष गोयल जी ने नये कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है. एक बार उन्हें जरूर सुनिए.’
भारतीय किसान यूनियन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की
इस बीच भारतीय किसान यूनियन ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की है जिसमें नये कृषि क़ानूनों को आपदा बताया गया है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में ही किसानों के आंदोलन को सड़क से हटाकर कहीं और ले जाने के आदेश देने वाली याचिका भी अभी लंबित है.