किसान विरोधी कानून को वापस लेने नेहरू चौक पर किया गया सत्याग्रह आंदोलन


बिलासपुर/अनिश गंधर्व. कृषि कानून का विरोध करने देश भर के किसान सड़कों में उतर आये हैं। किसान आंदोलन के कारण केन्द्र की मोदी सरकार ने कृषि कानून को लागू करने के लिए डेढ़ साल पीछे की ओर चली गई है इसके बाद भी देश भर में किसानों का आंदोलन जारी है। राष्ट्रीय राजमागों के अलावा गांव-शहर व मुख्यालयों में किसान लगातार कृषि कानून का विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली तक किसानों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है नेशनल हाइवे मार्ग में सेना व पुलिस के आला अधिकारी तैनात है।


कृषि कानून का विरोध करने अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी भी किसानों के साथ साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं। मोदी सरकारी द्वारा लागू कराये जाने वाले इस कानून को काला कानून  कहा जा रहा है। देश के लगभग समस्त राज्यों में इस बिल का पुरजोर विरोध किया जा रहा है। आज राष्ट्रीय किसान आंदोलन के आह्वान पर आज नेहरू चौक पर स्थानीय किसान और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने सड़क सत्याग्रह का आयोजन किया। धरना आंदोलन करने पहुंचे किसानों ने कहा कि मोदी सरकार को काले कानून को वापस लेना होगा। आंदोलन करने वाले किसान नेताओं पर झूठा मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है उन्हें छोडऩा होगा और स्वामी नाथन कमेटी की रिपोर्ट को लागू कराने सड़क सत्याग्रह कर आंदोलन किया गया। नेहरू चौक में सैकड़ों की संख्या में किसान और कांग्रेस नेता उपस्थित थे दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक धरना प्रदर्शन किया गया। नोटबंदी कर मोदी सरकार ने जो रवैया अपनाया है वह निंदनीय है। देश की संपत्ति को निजी हाथों में सौंपने का आरोप लगाते हुए जमकर नारे बाजी की है। एक दिवसीय सड़क सत्याग्रह आंदोलन में कांग्रेस नेता महिला पदाधिकारी और किसान नेताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला।

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