किसी भी शहर का विकास उस शहर की मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता पर टिका होता है : हवाई सेवा जनसंघर्ष समिति
बिलासपुर.अखण्ड धरना के 195वें दिन आज हवाई सेवा जनसंघर्ष समिति के सदस्य धरने पर बैठे। धरने में समिति के वक्ताओं ने बात रखी की किसी भी शहर का विकास उस शहर की मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता पर टिका होता है। मूलभूत सुविधाओं में आवागमन का साधन होना सर्वोपरि होता है क्योंकि आवागमन के साधन सुगम होने से शहर कम समय में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, व्यवसाय आदि के क्षेत्रों में गुणोत्तर प्रगति करता है। आज अगर न्यायधानी को राजधानी से कमतर आंका जाता है तो उसके पीछे सिर्फ और सिर्फ एक ही वजह है, वह है हवाई सुविधा का अभाव। जब तब बिलासपुर शहर को इस आधारभूत जरूरत से वंचित रखा जायेगा तब तक वैसा विकास नहीं हो पायेगा जैसा सपना इस राज्य निर्माण के वक्त बिलासपुर शहर के हर नागरिक द्वारा देखा गया था।
आज की सभा को संबोधित करते हुये नवीन वर्मा (व्यवसायी) ने कहा कि हवाई सुविधा राज्य गठन के समय से बिलासपुर की प्रमुख मांग रही है परन्तु बिलासपुर आज तक इस सुविधा से संघर्ष कर रहा है, इसके पीछे एक ही कारण है कि सारे आवष्यकताएं, सारी सुविधाएं केवल राजधानी को ही केन्द्र में रखकर मुहैय्या करायी जाती है। जब तब बिलासपुर के साथ ऐसा भेदभावपूर्ण रवैय्या अपनाया जायेगा तब तक बिलासपुर के विकास की कल्पना भी कैसे की जा सकती है। वर्मा ने कहा कि बिलासपुर में 2500 मीटर के रनवे वाला 4सी एयरपोर्ट हमें चाहिए ही यह अत्यन्त खेद का विशय है कि हजारों करोड़ रूपये केन्द्र सरकार को करो के रूप में देने वाले बिलासपुर अंचल एक ऐसी मांग के लिए 195वें दिवस से धरने पर बैठ रहा है जो कि पूर्व में मिल जानी चाहिए थी।
संबोधन के अगले क्रम में महेश दुबे ने कहा कि बिलासपुर में राज्य का उच्च न्यायालय है, केन्द्रीय विद्यालय है, रेल्वे जोन है इन सबके बावजूद अगर हमारा बिलासपुर सुनियोजित विकास नही कर पा रहा है तो इसके पीछे एक बड़ा कारण है शहर को हवाई सुविधा से वंचित रखना। दुबे ने कहा कि हवाई सुविधा मिलने से विभिन्न महानगरों के शिक्षाविदों का सानिध्य शहर के छात्रों को मिलेगा और यहां का शिक्षित बेरोजगार अपने रोजगार के सुअवसरों हेतु विभिन्न शहरों में जा सकेगा और अपने भविष्य को नई दिशा नये आयाम दे सकेगा। आज की सभा का संचालन सुदीप श्रीवास्तव ने किया और आज के धरना आंदोलन में बद्री यादव, रमाशंकर बघेल, केशव गोरख, नरेश यादव, विभूति भूशष गौतम, शालिकराम पाण्डे, रामशरण यादव, देवेन्द्र सिंह, संतोष पीपलवा, समीर अहमद, पप्पू तिवारी, बबलू जार्ज, नवीन वर्मा, अशोक भण्डारी आदि उपस्थित थे।