कुपोषण व भूख से कोडाकू जनजाति के बच्चे की हुई मौत

बलरामपुर/धीरेन्द्र कुमार द्विवेदी. बलरामपुर जिले में आज भी कोडाकू जनजाति  के लोगो को आज भी भूखों मरने की  नौबत आ गई है। जबकि कोरोना महामारी का संकट चल रहा है। सरकार हर गरीब व्यक्ति प्रवासी मजदूरों को भी राशन देने का फैसला तो किया लेकिन जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के ग्राम पंचायत भगवानपुर में अजीबोगरीब व दिल को झकजोर देने वाला मामला सामने आया है।
एक कोडाकू परिवार भीख मांग कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है ना उसके पास राशन  कार्ड है न ही इस कोरोना महामारी  में  सरकार से मिलने वाला चावल तक नसीब नहीं हुआ बिफन का 2 साल का नाती की तबीयत खराब हुई तो अस्पताल लेकर पहुंचा लेकिन डॉक्टर  काफी कुपोषण ग्रसित बताया।प्राम्भिक इलाज कर उसे घर भेज दिया।वही महिला बाल विकास की माने तो सेक्टर की सीमा विवाद को लेकर आपस में ही कार्यकर्ता अपनी जिम्मेदारी से मुकर रहे है।महिला बाल विकास विभाग के कार्यकर्ताओं का कहना है कि ये हमारे सेक्टर में नही आते है।जिसके चलते आज तक मृतक को रेडी टू इट,दूध,अंडा,तक नही मिला। और कुपोषण से उसकी मौत हो गई  पूर्व में उसकी मां की भी मौत हो गई थी।
भूख और कुपोषण से मासूम बच्चे की मौत के वाड्रफनगर के प्रशासनिक अधिकारी एस डी एम,सी ई ओ,तहसीलदार,बी एम ओ,और महिला बाल विकास विभाग सभी अधिकारी मौके पर पहुंच कर पीड़ित परिवार से मिला और उनके लिए खाद्यान की व्यवस्था भी करवाई।आपको बता दे कि मृतक कूड़ाकु बच्चा अपने नाना के साथ रहा करता था नाना भी जीवन यापन के लिए भीख मांग कर गुजारा किया करता था शासन से मिलने वाले मूलभूत सुविधाओं से वंचित होने के बाद वह उनके इलाज वह बेहतर संरक्षण के लिए सक्षम नहीं था जिसके चलते आज वह काल के गाल में समा गया।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!