कृषि के सर्वोत्तम विकास हेतु यौगिक खेती का प्रयोग

बिलासपुर. कृषि के क्षेत्र में आने वाली समस्याओं को दूर करने हेतु तथा फसलों के अधिक से अधिक उत्पादन इसके साथ ही साथ स्वस्थ और उत्तम खेती के प्रचार हेतु ग्रामीण जनों को अवगत कराने के लिए ब्रह्माकुमारी की टीम ग्रामीण क्षेत्रो में पहुंची ।प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय रामा ग्रीन सिटी की मुख्य संचालिका तथा ग्रामीण विकास प्रभाग माउंट आबू राजस्थान कि सदस्य ब्रम्हाकुमारी राखी दीदी जी ने यौगिक खेती के प्रयोग से फसलों के उत्पादन में किस तरह से वृद्धि होती है ,इसके बारे में बताया यौगिक खेती सबसे सहज, सर्वोत्तम और अधिक से अधिक फसल उत्पादन करने का सर्वोत्तम तरीका है ।परमात्मा की याद में लगाया गया यह खेती है, दीदी जी ने किसानों को बताया कि जिस धरती की हम पूजा करते थे, धरती मां कहते थे। वह धरती आज केवल हमारे लिए धन कमाने का साधन ही बन गई है । और हम उस धरती मां पर अधिक से अधिक धन कमाने के प्रलोभन से रासायनिक खाद जैसे जहर का छिड़काव कर रहे हैं। रासायनिक खाद के छिड़काव से धरती की उर्वरता कम होती जाती है। और इसके साथ ही साथ फसल में अनेक प्रकार के जो जीवाणु जो फसलों को लाभ पहुंचाने वाले होते हैं वह भी मर जाते हैं ।इसलिए हमें रासायनिक खाद का बिल्कुल ही प्रयोग करना बंद करना होगा ।इसके लिए या इसके जगह हम यौगिक खेती अर्थात हमारी शुद्ध संकल्प से परमात्मा की याद में खेती करना होगा । यदि हम फसलों को निरंतर मन से शुभ भावना श्रेष्ठ कामना देते हैं और मन में रोज दुआएं देते हैं तो हमारी फसलें बहुत अच्छी होंगी। ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सिरगिट्टी की मुख्य संचालिका ब्रम्हाकुमारी कांता दीदी जी ने केंचुआ तथा मशरूम की खेती में योग का प्रयोग कर खेती करने का तरीका किसानों को बताया। इसके साथ ही साथ सिंधी समाज बिलासपुर की अध्यक्ष विनीता भावनानी जी भी उक्त कार्यक्रम में उपस्थित रही और उन्होंने भी कृषि के सर्वोत्तम विकास हेतु ग्रामीण जनों को अवगत कराया तथा यौगिक खेती का प्रोत्साहन किया । उक्त कार्यक्रम में ग्राम के सरपंच ठाकुर जी तथा ग्राम के निवासीगण भी उपस्थित रहे और सभी के सहयोग से उक्त कार्यक्रम सफल रहा।