केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी बोले – सेना को चीन से निपटने के लिए पूरी छूट दी गई


हैदराबाद. लद्दाख में सीमा पर हुई हिंसक झड़प की पृष्ठभूमि में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने शनिवार को कहा कि सेना को चीन से निपटने, भारत की सीमाओं और अपने लोगों की रक्षा करने की पूरी छूट दी गई है. लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में 19 अन्य सैनिकों के साथ शहीद हुए कर्नल बी. संतोष बाबू के घर जाकर उनके परिवार से मिलने के बाद मंत्री ने यह भी कहा कि देश में चीन के खिलाफ गहरी भावनाएं हैं और जहां तक संभव हो सके अपनी मर्जी से चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करने की जरूरत है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक सर्वदलीय बैठक कर चुके हैं और इसका हल निकलने के प्रयास जारी हैं. उन्होंने संवादाताओं से कहा, “स्थानीय हालात को देखते हुए सरकार ने भारतीय सेना को इसकी पूरी छूट दे दी है कि वह भारत की सीमाओं और अपने सैनिकों की रक्षा करते हुए जैसे चाहे चीनी सेना से निपटे.”

मंत्री ने कहा कि सरकार और सेना अपने शहीदों के परिवार का पूरा साथ देगी और कर्नल बाबू के परिवार से मिलने का लक्ष्य उन्हें यही संदेश देना था.

सरकार ने सेना के तीनों अंगों को आपात वित्तीय शक्तियां दी
चीन के साथ सीमा पर तनाव बढ़ने के मद्देनजर सरकार ने हथियार और गोला बारूद खरीदने के लिये सेना के तीनों अंगों को 500 करोड़ रुपये तक की प्रति खरीद परियोजना की आपात वित्तीय शक्तियां दी हैं. सरकार के सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी. सेना के तीनों अंगों में थल सेना, वायुसेना और नौसेना आते हैं.

सूत्रों ने बताया कि विशेष वित्तीय शक्तियां बलों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपने अभियान तैयारियों को बढ़ाने के लिये बहुत कम समय में हथियार एवं सैन्य साजो सामान की खरीद के लिये दी गई है. सूत्रों ने बताया कि सरकार ने एक ही विक्रेता से जरूरी हथियार एवं उपकरणों की खरीद करने जैसी विशेष छूट देकर सैन्य खरीद में विलंब में भी कटौती की है.

गतिरोध के जल्द दूर होने की बहुत कम संभावना
गौरतलब है कि 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. इससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. फिर से टकराव होने की आशंका के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने थल सेना, वायुसेना और नौसेना को पहले ही यह निर्देश दिया है कि वे एलएसी पर अपनी अभियान तैयारियों को बढ़ाएं. सैन्य सूत्रों ने बताया कि थल सेना आपात वित्तीय शक्तियों का उपयोग अपने गोला बारूद भंडार को बढ़ाने में करने जा रही है क्योंकि गतिरोध के जल्द दूर होने की बहुत कम संभावना है. गलवान घाटी में हुई झड़प पिछले 45 वर्षों में दोनों पक्षों के बीच हुआ सबसे बड़ा टकराव है. चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने अब तक यह नहीं बताया है कि उसके कितने सैनिक मारे गए हैं.

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