कैसे हो सरपंच कब तक मिल ही हम के पेंशन

बलरामपुर/धीरेन्द्र कुमार द्विवेदी. जिले के वाड्रफनगर विकासखंड अंतर्गत  कई पंचायतों में पेंशन के लिए अभी भी  सरपंचों के घरों के दरों का चक्कर लगाते – लगाते यही पूछते हैं हितग्राही कि कब तक मिल ही हमके भी पेंशन हो सरपंच, वाड्रफनगर  जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत महेवा की विधवा सुघरमनिया का पति पिछले वर्ष पूरे परिवार को अनाथ व बेसहारा करके इस संसार से चला गया, *परंतु अब तक इस विधवा महिला को ,* उसके परिवार को चलाने के लिए सरकार की महत्वपूर्ण योजना विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिला , क्योंकि इस ओर सरपंच सचिवों ने ध्यान ही नहीं दिया यही कारण है कि *भूतपूर्व सरपंच के घर का चक्कर लगाते – लगाते नए सरपंच के घर के दर तक पहुंच गई सुघरमनिया* इसी आस में की अब मुझे पेंशन मिलेगा परंतु नए सरपंच के घर भी जाने के बाद भी अभी तक पेंशन स्वीकृति  की उम्मीद कम ही नजर आ रही है क्योंकि सरपंचों को इन गरीब बेसहारा विधवा ,विकलांग हितग्राहियों को पेंशन राशि भुगतान कराने से कहीं  ज्यादा ग्राम पंचायतों में चल रहे निर्माण कार्यों में ध्यान जाता है यही कारण है कि अधिकतर पंचायतों में पेंशन को लेकर हमेशा से यह समस्या बनी रहती है जबकि सरकारें कोशिश करती हैं कि इस तरह का मामला प्रकाश में कम ही आए परंतु जब-जब सरकार के मंत्रियों के दौरे हो जाएं या जिले के आला अधिकारियों का दौरा कार्यक्रम हो इसके अतिरिक्त पंचायतों में जन समस्या निवारण शिविर लग जाए तो पेंशन से जुड़ी कई आवेदन प्राप्त हो जाती है बरहाल जो भी हो सवाल यही उठता है कि इस बेसहारा सुघरमनिया व उसकी विकलांग पुत्री जैसे अन्य हितग्राहियों को पेंशन कब तक मिलेगा इस संबंध में  वाड्रफनगर के  मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत वाड्रफनगर  वेद प्रकास पांडेय से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि जनपद कार्यालय के द्वारा ग्राम पंचायतों को निर्देश सचिवों के माध्यम से दी जाती है कि इस तरह के हितग्राहियों का आवेदन जल्द से जल्द प्राप्त  करें और प्राप्त आवेदनों को तत्काल जांच कराकर पेंशन स्वीकृत की जाती है आपके माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई है जल्दी  ही मैं  पेंशन स्वीकृत कराकर हितग्राहियों को पेंशन दिलाने का प्रयास करूंगा ।

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