कोटा से आने वाले बच्चों की अभिभावक की तरह की जायेगी देखभाल, जिला शिक्षा अधिकारी बनाये गये प्रभारी


बिलासपुर.कोटा राजस्थान से वापस आ रहे बिलासपुर जिले के बच्चों की देखभाल प्रशासन द्वारा अभिभावकों की तरह की जायेगी जिसके लिए तैयारी की जा रही है। कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने जिला शिक्षा अधिकारी को प्रभारी अधिकारी बनाया है और उन्हें विद्यार्थियों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।   कलेक्टर ने निर्देश किया है कि प्रत्येक बच्चे का रिकॉर्ड रखा जाये, जिसमें उनका पता, अभिभावकों का नाम-पता, मोबाइल नंबर आदि जानकारी रहेंगी। जिला शिक्षा अधिकारी इन सभी कार्यों की मॉनिटरिंग करेंगे। वापस आने वाले सभी बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जायेगा। शासन के निर्देशानुसार इन छात्रों को क्वारांटाइन पर रखने के लिए आवश्यक तैयारी सुनिश्चित करने का निर्देश कलेक्टर ने दिया। उनके भोजन, चिकित्सा एवं अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही है।  उन्होंने कहा कि किसी भी बच्चे को कोई परेशानी न हो। क्वारांटइन पर रखे जाने वाले बच्चों के लिये सोशल डिस्टेंसिंग के साथ खेल एवं मनोरंजन की सामग्री उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

15 जून से अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की कक्षाएं होंगी प्रारंभ
राज्य शासन के निर्देशानुसार 15 जून से शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूलों की कक्षाओं मं  अध्ययन, अध्यापन प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। कलेक्टर डॉ.संजय अलंग ने बिलासपुर में चयनित स्कूलों में आवश्यक तैयारी पूर्ण करने का निर्देश दिया है। इन स्कूलों के सुव्यवस्थित संचालन के लिए डिप्टी कलेक्टर पंकज डाहिरे को प्रभारी बनाया गया है।

कोटा से वापस लाये जा रहे विद्यार्थियों के लिए बिलासपुर जोन की बसें 26 अप्रैल को शाम 7.30 बजे होगी रवाना :  कोटा राजस्थान में लॉकडाउन के बाद से रुके छात्र-छात्राओं को लेकर छत्तीसगढ़ के लिए बसें 26 अप्रैल को रवाना होगी। बिलासपुर जोन की 28 बसें शाम को 7.30 बजे रवाना होगी। प्रस्थान स्थल काउन्ट्री इन से 9, सत्यार्थ से 8 और कुन्हाड़ी से 11 बसें रवाना की जायेंगी। बच्चों को शाम 7 बजे निर्धारित स्थल पर पहुंचने के लिए कहा गया है। बिलासपुर जोन की बसों में बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर-चाम्पा, रायगढ़ तथा गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले के  छात्र-छात्राओं को लाया जायेगा।

जिले के राहत शिविरों में रह रहे 12 मजदूरों को उनके कार्यस्थल पहुंचाया गया :  लॉकडाउन के पश्चात् जिले के विभिन्न राहत शिविरों में ठहराये गये प्रदेश के भीतर अन्य जिलों के 12 मजदूरों को उनके कार्यस्थल पर पहुंचाया गया है। ये श्रमिक लगभग एक माह से यहां रुके हुए थे। शासन द्वारा राज्य के अंदर रहने वाले श्रमिकों को उनके कार्यस्थल पर लौटने का निर्देश दिया गया है। जिसके परिपालन में यह कार्रवाई की गई। सहायक श्रमायुक्त ने बताया कि कलेक्टर डॉ. संजय अलंग के निर्देशानुसार नगर पंचायत बोदरी के राहत शिविर में ठहराये गये कोरिया जिले के भरतपुर तहसील के चार मजदूर रंगलाल, ग्राम हरफरा, रामलखन ग्राम देवगढ़, संदीप गोंड ग्राम भरतपुर तथा सुखदयाल ग्राम कोटाडोल निवासी को 24 अप्रैल को वाहन की व्यवस्था कर उनके कार्यस्थल पर रवाना किया गया। इसी तरह 25 अप्रैल की सुबह जशपुर जिले के कुनकुरी तहसील के दुलदुला ग्राम के सुखेदव राम, कुनकुरी तहसील के ही ग्राम खुड़गांव के गणेश प्रधान, कुनकुरी तहसील के ग्राम बानसतला के प्रेमचंद राम, तपकरा के प्रकाश कुमार चैहान, रायगढ़ जिले के गैकनपाली ग्रामके फरेन बिस्वाल तथा घरघोड़ा तहसील के झरियाकली ग्राम की मीना बारिक को उनके कार्यस्थल पर रवाना किया गया। इनमें से फरेन बिस्वाल पेट्रोल पम्प में कार्य करते हैं तथा मीना बारिक सिलाई का काम करती हैं। शेष सभी मजदूरी करते हैं। 25 अप्रैल को दोपहर दो बजे रायपुर के एक गुरुद्वारे में काम करने वाले भरत सिंह तथा मजदूरी करने वाली सुपेला भिलाई की नूरी बेगम को उनके कार्यस्थल के लिए रवाना किया गया। सभी श्रमिकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने कार्यस्थल पर मास्क का प्रयोग करेंगे तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे। वे शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों की अवहेलना नहीं करेंगे।

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