कोरोना काल में कुत्तों पर बरपा किम जोंग का कहर, दिया खाने के आदेश, जानिए वजह


नई दिल्ली. कोरोना काल (covid-19) में उत्तर कोरिया खाद्य संकट (Shortage of Food) से जूझ रहा है. इसी बीच उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग (Kim Jong Un) उन ने देश के लोगों को अजीब फरमान सुनाया है. किम जोंग ने अपने देश के लोगों को अपने कुत्तों को मीट रेंस्त्रा को सौंपने का आदेश दिया है. दरअसल, किम जोंग ने खाद्य सामग्री की पूर्ति करने के लिए कुत्तों को काटकर खाने का आदेश दिया है. तानाशाह के ऐसे फरमान के बाद स्ट्रीट और पालतू कुत्तों पर शामत आ गई है. नए आदेश में किम जोंग उन ने कुत्ता पालने पर बैन लगा दिया है और उन्हें पकड़ने का आदेश दिया है.

जोंग ने लोगों को पालतू कुत्ते मारकर खाने का आदेश दिया है. ऐसे में अब वो लोग काफी परेशान हैं जिनके घर में पालतू कुत्ते हैं. पालतू कुत्तों के मालिकों को डर है कि कहीं इस आदेश के बाद उनके कुत्ते से खाद्यान संकट की पूर्ति न हो जाए. बता दें कि पिछले माह (जुलाई) में ही तानाशाह किम जोंग ने कुत्ता पालने को कानून के खिलाफ बताया था और कहा था कि यह पूंजीवाद की तरफ झुकाव का प्रतीक है. एक माह ही बीता कि किम जोंग ने कुत्तों को मारने का आदेश भी दे दिया है.

किम जोंग उन का कहना है कि देश के गरीब लोग गाय, बकरी, भेड़ और सुअर जैसे मवेशी पालते हैं ताकि लोगों को खाना मिल सके. वहीं, प्योंगयांग जैसे शहरों में रहने वाले अमीर लोग कुत्ता पालते हैं. यह पश्चिमी सभ्यता और पूंजीवादी विचारधारा (bourgeois ideology) का प्रतीक है. उत्तर कोरिया में पश्चिमी सभ्यता और पूंजीवाद के लिए कोई जगह नहीं है. देश में कुत्ता पालना अब कानूनन जुर्म होगा. उत्तर कोरियाई तानाशाह को लगता है कि कुत्ता पालना ‘पश्चिमी पतन’ का प्रतीक है.

यही वजह है कि उत्तर कोरिया प्रशासन ने कुत्ते पालने वाले लोगों को अपने कुत्ते मीट रेस्टोरेंट को देने के आदेश दिए हैं, ताकि खाद्य सामग्री के संकट में थोड़ी राहत मिल सके. पिछले कुछ महीनों से उत्तर कोरिया कोरोना काल में खाद्य सामग्री की भारी मात्रा में कमी आई है. कुछ सप्ताह पहले, संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि उत्तर कोरिया में परिवार भूखे रह रहे थे और बहुत कम लोग एक दिन में एक भोजन का खर्च उठा सकते हैं.

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