कोरोना काल में रावण के पुतलों का भी कद घटा
रावण बनाने वालों की आधी कमाई भी नहीं हुई
बिलासपुर। कोरोना काल में लंकापति रावण के पुतलों का कद कम हो गया है। रावण बनाने वाले कारीगरों की कमाई आधी भी नहीं रही। हर वर्ष धूमधाम से मनाये जाने वाले दशहरा पर्व की तैयारी में रावण बनाने वाले कारीगर एक माह पूर्व से ही जुट जाते थे। छोटे बड़े रावणों का निर्माण कर हजारों मेें कमाईकर लेते थे लेकिन इस वर्ष कोरोना काल के चलते अधिकांश कारीगर हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं।
कोरोना संक्रमण के चलते जिला प्रशासन ने रावण दहन कार्यक्रम में रोक लगा दी है। बस स्टैण्ड, रेलवे स्टैण्ड, पुलिस परेड मैदान, लालबहादुर शास्त्री स्कूल मैदान, सरकंडा आदि क्षेत्र में रावण दहन कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है। रावण बनाने वाले कारीगरों की आधी कमाई भी इस वर्ष नहीं हो सकी। छोटे-छोटे रावण के पुतलों का निर्माण कर अपनी रोजी-रोटी की जुगत में लोग लगे हुए हैं। वहीं कई कारीगर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। जूना बिलासपुर सावधर्मशाला के पास रहने वाले बृजलाल कठारे (बिरजू) ने बताया कि इस वर्ष की कमाई नहीं के बराबर है। हम लोग लगातार कई वर्षों से छोटे बड़े रावण के पुतलों का निर्माण करते चले आ रहे हैं। नवरात्रि प्रारंभ होने के पूर्व ही लोग आर्डर दे दिया करते थे और हम सब पुरे परिवार के साथ मिलकर रावण के पुतलों का निर्माण करते थे, इससे हमें मनचाहा कीमत भी मिल जाती थी। कोरोना संक्रमण के दौरान धंधा नहीं के बराबर है। एक-दो लोगों ने आर्डर दिया है उसे भी शासन के मापदंडों के अनुसार कम साइज का बना रहे हैं।
कोरोना काल में सभी तबके के लोगों को आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। खासकर रोज कमाने खाने वाले लोगों को भारी समस्या हो रही है। आस्था के पर्व नवरात्रि में कई लोगों का अच्छा खासा कारोबार हो जाता था। लेकिन अभी सभी का धंधा आधे से भी कम हो गया है। प्रमुख देवी मंदिरों के पट खुलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं सार्वजनिक समितियां भी औपरचारिकता निभाते हुए मां दुर्गा की प्रतिमा बिठाया गया। दुर्गा पंडालों से भीड़ गायब है। इसी तरह कई समितियां रावण दहन कार्यक्रम आयोजित करती थी वह भी इस वर्ष आयोजन नहीं कर सकेंगे।