कोरोना के खौफ के बीच राहत! 20 से कम उम्र के लोगों में वायरस का कम होता है प्रसार
नई दिल्ली. पूरे विश्व में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर जारी है. हर देश कोविड-19 के मरीजों का जीवन बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है. इसी बीच हुई एक रिसर्च के नतीजों ने दुनिया को थोड़ी राहत दी है. अच्छी खबर ये है कि 20 साल से कम उम्र के लोगों में कोरोनो वायरस और उसके द्वारा होने वाली जटिलताओं की संभावना कम होती है.
मंगलवार को प्रकाशित एक नई रिसर्च में दावा किया गया है कि 20 साल से कम उम्र के लोगों को खतरनाक वायरस से संक्रमित होने का खतरा कम होता है.
अध्ययन में यह भी कहा गया है कि वायरस के नैदानिक लक्षण किशोरों और बच्चों के केवल केवल पांचवें हिस्से में दिखाई देते हैं, जिनमें वायरस विकसित होता है.
इटली, जापान, चीन, कनाडा, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर समेत 32 देशों के डेटा से पता चला कि 70 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों में वायरस के लक्षण कैसे दिखाई दिए.
उम्र के आधार पर शोधकर्ताओं का मानना है कि विद्यार्थियों की उम्र को देखते हुए, वैश्विक रूप से स्कूलों के बंद होने से संक्रमण दर पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा.
जर्नल नेचर मेडिसिन ने हाल ही में एक अध्ययन प्रकाशित किया. वयस्कों की तुलना में ये वायरस बच्चों में बहुत तेजी से फैलता है, लेकिन उनमें ये कम प्रभावी होता है और गंभीरता कम होती है. इस स्थिति के आधार पर, इस अध्ययन ने स्कूल जाने वाले बच्चों के बीच फ्लू बनाम कोविड-19 के प्रसार की तुलना की.
लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में संक्रामक रोग माडेलर रोसलिंड एगो ने रायटर को बताया- ‘COVID-19 के संदर्भ में, स्कूलों के बंद होने से बहुत कम प्रभाव होगा’. उन्होंने चेतावनी भी दी कि अलग अलग परिणाम जानने के लिए इन निष्कर्षों को फिर से तैयार नहीं किया जाना चाहिए.
ऊपर लिखे 6 देशों के आंकड़ों के आधार पर, अध्ययन से पता चला कि कैसे विभिन्न आयु समूहों के बीच वायरस की गंभीरता अलग-अलग थी, और 20 वर्ष से कम आयु के लोगों में ये संभावना ककरीब 50 प्रतिशत कम थी.
इसके साथ ही, वायरस के संपर्क में आने वाले 10-19 वर्ष की आयु के बच्चों में केवल 21 प्रतिशत ने वायरस के लक्षण दिखाए. वैज्ञानिकों ने ये भी कहा कि ‘अधिक युवाओं वाले देशों में कोविड-19 का प्रभाव कम होगा.’