कोरोना के दौर में परीक्षाओं को लेकर अभाविप ने स्पष्ट किया अपना मत


बिलासपुर.अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति महामहिम राज्यपाल  के नाम ज्ञापन सौंपकर covid 19 से उपजे हालत के मध्य विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित होनी वाली परीक्षाओं के विषय में अपनी मांगे व सुझाव रखे.इस मांग सुझाव पत्र के माध्यम से विद्यार्थी परिषद् ने कुल 7 बिंदुओं में अपने सुझाव कुलाधिपति के समक्ष रखे व मास प्रमोशन को किसी भी विकल्प के रूप में ठुकराया.मांग सुझाव पत्र प्रेषित करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के प्रान्त मंत्री शुभम जायसवाल ने कहा की हमने सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यमों से छात्रों से बात की है उनसे सुझाव लिए हैं. और प्रदेश का आम छात्र इस बात पर एकजुट है की वह हर हाल में परीक्षा देकर ही अगली कक्षा में जाना चाहता है.इस विधाय पर प्रदेश सहमंत्री मोरध्वज पैकरा ने बताय की “संकट के इस दौर में जब समाज का हरेक व्यक्ति काम कर रहा है, डॉक्टर,पुलिस,नर्स,सफाईकर्मी, किसान आदि सभी अपने दायित्वों के निर्वहन में लगे हुए हैं तो फिर हम विद्यार्थी ही क्यों इससे पीछे हटें?'” ज्ञापन देते हुए पूर्व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रौनक केसरी ने बताया की “कुछ छात्र संगठन निश्चित तौर पर सस्ती लोकप्रियता के लिए विद्यार्थियों व देश दोनों के ही भविष्य से समझौता करने को तैयार बैठे हैं और मास प्रमोशन की अनैतिक मांग कर रहे जिसका विद्यार्थी परिषद् विरोध करती है व छात्र समुदाय से अपील करती हैं की ऐसे प्रलोभनों से सावधान रहे” इसी विषय पर बात करते हुए महानगर मंत्री आयुष तिवारी ने बताया की “यह एक बिलकुल नयी स्थिति व चुनौती है जिसका सामना भी प्रशासन नए तरीके से कर सकती है जिसके लिए हमने विभिन्न तरीके सुझाये हैं मगर किसी भी हालत में विश्वविद्यालय मास प्रमोशन के विकल्प की और न जाए क्योंकि यह साल भर ईमानदारी से पढ़ने वाले छात्रों के साथ एक छलावा होगा, विश्वविद्यालय चाहे तो परीक्षा लेने के तरीके बदल ले और कुछ नवाचार के साथ छात्रों की योग्यता का आंकलन करे।

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