कोरोना को कमतर आंकना पड़ा भारी, स्वीडन में एक दिन में 100 मौतें


स्वीडन. कोरोना वायरस (Coronavirus) से निपटने के लिए लॉकडाउन जैसे उपायों को नजरअंदाज करना यूरोपीय देश स्वीडन को भारी पड़ रहा है. एक ही दिन में यहां कोरोना से 100 लोगों की मौत हो गई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमित 100 मरीजों ने दम तोड़ दिया है और इसी के साथ यहां मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 591 पहुंच गई है. स्वीडन की पब्लिक हेल्थ एजेंसी का कहना है कि देश में कोरोना वायरस के 7,693 मामले रिकॉर्ड किये गए हैं.

स्वीडन ने पहले कथित तौर पर अपने स्कूल, रेस्तरां और बार आदि खुले रखे थे. देश ने लॉकडाउन जैसे उपायों को मानने से इंकार कर दिया था, जबकि अन्य यूरोपीय देशों के नागरिक एक महीने से अधिक समय से लॉकडाउन में जिंदगी गुजार रहे हैं. इतना ही नहीं, यहां की सरकार द्वारा लोगों को ‘ताज़ी हवा’ के लिए बाहर निकलने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा था. वो भी तब जब ब्रिटेन, इटली और स्पेन वायरस के फैलाव के केंद्र बन गए हैं. हालांकि, एक दिन में 100 लोगों की मौत के बाद अब सरकार के सुर थोड़े बदले नजर आ रहे हैं. उसका कहना है कि वो कोरोना से निपटने के लिए हर संभव प्रयास करेगी. स्वास्थ्य मंत्री लीना हैलेनग्रेन का कहना है कि कोरोना के चलते स्वीडन के साथ-साथ पूरी दुनिया गंभीर संकट में पहुँच गई है. हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और वायरस से निपटने के लिए सभी ज़रूरी उपाय किये जाएंगे. आख़िरकार यह लोगों के जीवन की सुरक्षा का मामला है.

सबसे बुरे हाल
गौरतलब है कि COVID-19 की मार सबसे ज्यादा यूरोप में देखने को मिली है. इटली में मरने वालों का आंकड़ा 16,523 पहुँच गया है, जबकि संक्रमण के 132,547 मामले सामने आये हैं. वहीं स्पेन में वायरस के चलते 13,798 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है और 140,510 लोग संक्रमित पाए गए हैं. इसी तरह फ्रांस में मरने वालों की संख्या बढ़ते हुए 8,911 और संक्रमितों की संख्या 98,010 पहुँच गई है. ब्रिटेन की बात करें तो यहां 5,373 मौतें रिकॉर्ड की गई हैं और 51,608 मामले सामने आये हैं.

पड़ोसी की तैयारी
स्वीडन के पड़ोसी फिनलैंड ने कोरोना से मुकाबले के लिए कड़े कदम उठाते हुए स्वीडन सहित सभी पड़ोसी देशों से लोगों के यहां आने-जाने पर कड़े नियंत्रण लगाये थे. 14 मार्च को सरकार द्वारा अत्यावश्यक आवागमन को छोड़कर लगाये गए प्रतिबंध के बाद से ट्रैफिक में कमी आई है, लेकिन दोनों देश रोज हजारों कामगारों एवं परिवारों को आते-जाते देखते हैं. फ़िनलैंड ने यह भी घोषणा की थी कि जर्मनी, एस्टोनिया और स्वीडन से जोड़ने वाले वालीं फेरी सेवाएं टिकट नहीं बेचेंगी.

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