कोरोना वायरस को ‘चीनी वायरस’ कह रहे थे ट्रंप, G-20 समिट में जिनपिंग के सामने पड़ गए ठंडे


नई दिल्ली. G-20 देशों के नेताओं ने बीते गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस की थी. इसमें बड़ी-बड़ी बातें हुईं. लेकिन चीन (China) पर कोई सवाल नहीं किया गया. चीन से किसी ने ये नहीं पूछा कि क्यों हफ्तों तक कोरोना वायरस (corona virus) की अनदेखी की गई. क्यों उसने वायरस के बारे में बताने वालों का मुंह बंद कर दिया था?, क्यों मरीजों के टेस्ट सैंपल नष्ट किए गए? क्यों आखिर तक वो झूठ बोलता रहा कि हालात काबू में हैं?

G-20 की इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (xi jinping) भी थे और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) भी थे. इस मीटिंग से पहले डोनाल्ड ट्रंप बार-बार कोरोना वायरस को चाइनीज वायरस कह चुके थे लेकिन जब शी जिनपिंग से आमना-सामना हुआ तो ट्रंप को चाइनीज वायरस शब्द याद नहीं आया. अब तो ट्रंप चीन की तारीफ करने में जुट गए. फोन पर शी जिनपिंग से बात भी हुई.

ट्रंप ने ट्वीट करके कहा है कि कोरोना वायरस पर शी जिनपिंग से उनकी विस्तार में बातचीत हुई है. ट्रंप ने कहा कि चीन बुरे हालात से गुजरा है और उसे वायरस की अच्छी समझ है. इसलिए अमेरिका और चीन मिलकर काम कर रहे हैं. यही डोनाल्ड ट्रंप कैसे कोरोना वायरस को चाइनीज वायरस कह रहे थे और अपनी इस बात का बचाव भी कर रहे थे. एक हफ्ते पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कम से कम 10 बार डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस पर चीन का नाम लिया था. लेकिन ट्रंप अब सब भूल गए हैं. पहले वो ये कह रहे थे कि चाइनीज वायरस कहने में बुराई क्या है.

चीन 3 महीने पहले बता देता तो बहुत लोगों की जानें बचाई जा सकती थीं. लेकिन आज जब उनसे सवाल किया गया कि क्या चाइनीज वायरस वाली बात पर शी जिनपिंग ने उन्हें टोका या फिर उन्होंने शी जिनपिंग से इस पर बात की तो इस सवाल पर ट्रंप खुद का बचाव करने लगे. और ये कहने लगे कि शी जिनपिंग से ऐसी कोई बात नहीं हुई.

चीन के सामने डोनाल्ड ट्रंप भी ठंडे पड़ गए. चीन की जिम्मेदारी तय करना तो दूर, कोई सवाल तक नहीं उठा रहा. कोरोना वायरस ही नहीं आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भी आपने देखा होगा कि दुनिया के नेता सख्ती दिखाने से बचते हैं. सिर्फ बातें होती हैं और कसमें खाई जाती हैं. इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G-20 की मीटिंग में सबको खरी-खरी सुनाई.

प्रधानमंत्री ने कहा कि कई मायनों में वैश्वीकरण ने हमें नाकाम कर दिया है. फिर चाहे आतंकवाद से लड़ने की बात हो या फिर जलवायु परिवर्तन से लड़ने की बात हो. G-20 भी आर्थिक हितों पर फोकस करने वाला फोरम बन गया. जबकि हमें इस वक्त आर्थिक हितों की जगह इंसानियत पर फोकस करना चाहिए. लोगों की जान बचाने पर पूरी ताकत लगानी चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना ने दुनिया को एक मौका दिया है वो वैश्वीकरण के नए कॉन्सेप्ट की तरफ देखे.

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