कोरोना वायरस को लेकर इन देशों में फैलाई जा रही है सबसे ज्यादा भ्रामक जानकारी
नई दिल्ली. कोरोना वायरस (CoronaVirus) को लेकर 87 देशों में 25 अलग-अलग भाषाओं में भ्रामक और गलत जानकारी फैलाई जा रही है. इस गलत जानकारी के चलते कोरोना प्रभावितों का आंकड़ा तो बढ़ ही रहा है, साथ ही पीड़ितों के प्रति नफरत जैसे मामलों में भी इजाफा हुआ है.
अमेरिकन जर्नल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड हाइजीन (American Journal of Tropical Medicine and Hygience) में प्रकाशित एक अध्ययन में 31 दिसंबर से लेकर 5 अप्रैल, 2020 तक के ऑनलाइन पोस्ट के विश्लेषण के आधार पर यह बताया गया है कि कोरोना को लेकर भ्रामक एवं गलत जानकारी व्यापक रूप से फैलाई गई है.
इस अध्ययन को अंजाम देने वाली टीम में ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, थाईलैंड और जापान सहित विभिन्न देशों के शोधकर्ता शामिल थे. इस दौरान यह पाया गया कि जिन देशों में सबसे ज्यादा गलत जानकारी प्रसारित की गई है, उसमें अमेरिका के साथ ही भारत, चीन, स्पेन, इंडोनेशिया और ब्राजील (India, the United States, China, Spain, Indonesia, Brazil) भी शामिल हैं.
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन को ‘अफवाह’, ‘कलंक’ और ‘साजिश’ तीन भागों पर केंद्रित किया. उनके अनुसार, ‘अफवाह’ ऐसी कोई भी असत्यापित जानकारी है, जो सत्यापन जांच के बाद गढ़ी हुई या पूरी तरह से झूठी पाई जाती है. इसी तरह, ‘कलंक’ ऐसी जानकारी है, जो कोरोना पीड़ितों के बारे में ऐसा माहौल निर्मित करती है, जिससे उनके खिलाफ भेदभाव बढ़ता है. जबकि ‘साजिश’ को दुर्भावनापूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए गुप्त रूप से काम करने वाले लोगों के रूप में परिभाषित किया गया.
शोधकर्ताओं ने 87 देशों की 25 भाषाओं वालीं करीब 2,311 रिपोर्ट्स को खंगाला. इस दौरान उन्होंने पाया कि इस तरह की रिपोर्ट में 89 फीसदी अफवाहें थीं, 7.8 फीसदी साजिश और 3.5 फीसदी भेदभाव बढ़ाने वाली जानकारी. बेहतर समझ के लिए शोधकर्ताओं ने इंटरनेट पर ‘ब्लीच पीने से कोरोना वायरस खत्म होता है’, ‘हर वायरस चीन से आता है’ जैसे उदाहरणों को सर्च किया.
अध्ययन के दौरान, यह भी सामने आया कि इस भ्रामक जानकारी के चलते कि अत्यधिक शराब (Highly Concentrated Alcohol) पीने से कोरोना वायरस का खतरा नहीं रहता, करीब 800 लोगों की मौत हुई. वहीं, 5,876 को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इतना ही नहीं, मेथनॉल पीने से 60 लोगों की आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली गई.