कोरोना वायरस से चीन कैसे निपट रहा है, इसपर लेख छपने के बाद गायब हुए चीनी पत्रकार
बीजिंग. कोरोनो वायरस (Coronavirus) महामारी से चीन किस तरह निपट रहा है, इसपर चीन के खिलाफ लेख प्रकाशित करने वाले पत्रकारों की तिकड़ी गायब हो गई है. ये तीनों बीजिंग के रहने वाले थे.
कैई वेई, टैंग उपनाम वाली एक महिला और चेन मेई ‘टर्मिनस -2049’ नाम के एक प्रोजेक्ट में कॉन्ट्रीब्यूटर थे. यह प्रोजेक्ट 2018 में शुरू हुआ था और ये उन लेखों और कहानियों को एकत्र कर रहा था, जिन्हें सोशल मीडिया और समाचार पोर्टलों से हटाया जा रहा था.
यह प्रोजेक्ट दुनिया की सबसे बड़ी ओपन-सोर्स वेबसाइट Git-Hub पर उपलब्ध था जहां सेंसर की गई सामग्रियां मौजूद होती हैं. हालांकि, अब चीन से टर्मिनस गायब हो गया है और साथ में इसे चलाने वाले कार्यकर्ता भी. वे सभी 19 अप्रैल से लापता हैं.
खबरों के मुताबिक, उन्हें चीनी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था और उन्हें किसी अनजान जगह पर रखा गया है. उनके खिलाफ ‘झगड़ा करने और दंगा भड़काने’ का आरोप लगाया गया है.
इन पत्रकारों का दोष सिर्फ इतना था कि वे चीन में अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद मारे गए रोगियों की गलत देखभाल की असलियत सामने लाने की कोशिश कर रहे थे. अब तक देखा गया है कि जिस किसी ने भी चीनी शासन के नियमों का पालन नहीं किया, उसे क्रूरता से दंडित किया गया है.
सबसे प्रसिद्ध उदाहरण तो वुहान सेंट्रल अस्पताल में आवाज उठाने वाली डॉक्टर एई फेन का इंटरव्यू है. उनका इंटरव्यू चीन की पीपुल्स मैगजीन के मार्च संस्करण में प्रकाशित हुआ था लेकिन प्रकाशित होने के कुछ ही घंटों के अंदर उसे हटा दिया गया था.
बीजिंग की इस तिकड़ी ने इंटरव्यू को खोजा और उसे Git-Hub पर दोबारा प्रकाशित किया. इसी कारण से उन्हें बंदी बनाया गया है. अगर ये पत्रकार अपनी राय बदलने को तैयार हो जाएं तो इन्हें बाद में रिहा भी किया जा सकता है. ऐस 25 वर्षीय पत्रकार ली जेहुआ के मामले में भी देखा गया है, जो वुहान से रिपोर्टिंग करने के लिए दो महीने तक गायब रहा था. हालांकि, कुछ दिनों पहले ही वो फिर से दिखाई दिया है और खुद को कैद करने वालों की तारीफें कर रहा है.