कोरोना संक्रमण के साये में विसर्जित हुए भगवान श्री गणेश


बिलासपुर. कोरोना काल में सब कुछ फीका-फीका सा गुजर रहा है। शादी-विवाह के अलावा समस्त सुख-दुख के कार्य दहशत के साये में संपन्न हो रहे हैं। भगवान श्री गणेश अंनत चौदस के दिन विसर्जन हुए। हर साल शहर में गणेश उत्सव की धूम होती थी। लाखों रुपए खर्च कर सार्वजनिक समितियां उत्सव मनाती थी। कोरोना काल में अधिकांश समितियां भगवान गणेश की प्रतिमा नहीं बिठा पाये। वहीं बची-खुची कुछ समितियों ने रस्म पूरी कर ली है। बिना गाजे-बाजे के भगवान गणेश को अंतिम विदाई दी गई।

विसर्जन स्थल पचरीघाट, सरकंडा और छठ घाट में शासन प्रशासन की निगरानी में भगवान श्री गणेश की प्रतिमाओं का विर्सजन किया जा रहा है। बिना गाजे-बाजे के लोग पूजा-अर्चना करते दिखे। मालूम हो कि बिलासपुर में सैकड़ों समितियां लाखों खर्च कर गणेश उत्सव मनाते हैं कोरोना काल में इस बार गणेश उत्सव की धूम नहीं रही। शहर में लगातार बढ़ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए शासन प्रशासन ने उत्सव पर रोक लगा दी थी। इसके बाद भी कुछ समितियों के लोग औपचारिक रूप से पूजा-अर्चना करते रहे। कोरोना का दंश इतना जहरिला  है कि भगवान के भक्त भी दहशत के साये में हैं। मंदिरों और बाजारों के अलावा सार्वजनिक स्थानों में लोग जाने से कतरा रहे हैं। सावधर्मशाला स्थित गणेश पूजा समिति के सदस्यों ने पचरीघाट में गणेश प्रतिमा का विसर्जन सादगी से किया। इस अवसर पर समिति के प्रमुख सचिन अग्रवाल, अमन सिंह ठाकुर, सोम परिहार, जिवेश परिहार, बल्ला नामदेव आदि उपस्थित रहे।

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