कोरोना से बचने के लिए घरेलू नुस्खों की अति, बीमार पड़ रहे लोग

क्या आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए दिन-रात काढ़ा, काली मिर्च और तुलसी चाय जैसे नुस्खे अपना रहे हैं… ऐसा करना अच्छी बात है लेकिन अगर आपने इनकी मात्रा में गड़बड़ी की तो लाभ के स्थान पर हानि उठानी पड़ेगी…

अति हर चीज की वर्जित होती है, फिर चाहे अपी सेहत का ध्यान रखने की बात ही क्यों ना हो। ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है कोरोना संक्रमण (Coronavirus Infection) के मामले में। हेल्थ एक्सपर्ट्स ने इस संक्रमण से बचने और अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए घरेलू नुस्खे अपनाने और हेल्दी डायट लेने की सलाह क्या दी कि लोग इनकी ओवर डोज लेने लगे। इससे दूसरी समस्याएं बढ़ने लगीं…

परंपरागत और स्वास्थ्य वर्धक विधियां

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कोरोना वायरस से बचने के लिए ज्यादातर लोग हेल्थ एक्सपर्ट्स और आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए सुझावों और परंपरागत स्वास्थ्य वर्धक विधियों को अपना रहे हैं। जो भारतीय रसोई से जुड़ी हैं और भारतीय जन-जीवन का हिस्सा हैं। ये विधियां बहुत लाभकारी होती हैं और सदियों से हमारे देश में इन नुस्खों को अपनाकर मौसमी बीमारियों से बचाव का चलन है।

-महामारियों और संक्रमण के दौरान भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इन देसी नुस्खों का उपयोग किया जाता है। लेकिन जरूरत से ज्यादा कोई भी काम करने पर उसके दुष्प्रभाव देखने को जरूर मिलते हैं। यही आजकल हमारे देश में देखने को मिल रहा है…

क्यों आ रही है समस्या?

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-पिछले 30 साल से होम्योपेथी के जरिए मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर चरनजीत सिंह इस बारे में कहते हैं कि अगर भूख से अधिक भोजन कर लिया जाए तो वह भी नुकसान करता है। ठीक इसी तरह यदि घरेलू नुस्खों का पालन करते हुए मसालों का अधिक उपयोग करेंगे तो दिक्कत होगी ही।

भारी पड़ रही मसालों की ओवर डोज

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-डॉक्टर सिंह आगे कहते हैं, काली मिर्च, हल्दी, अदरक, अजवाइन, मेथी, तुलसी पत्ती, लौंग, काढ़ा जैसी चीजें यदि संतुलित मात्रा में प्रतिदिन उपयोग की जाएं तो इनका कोई बुरा असर नहीं होता है। बल्कि हमारा शरीर बलिष्ठ (Healthy) बनता है। जबकि आज के समय में लोगों ने कोरोना संक्रमण से बचने और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए एकाएक रसोई में रखे इन मसालों का सेवन आवश्यकता से अधिक करना शुरू कर दिया है। जिससे अन्य शारीरिक और मानसिक समस्याएं होने लगी हैं।

किन समस्याओं संग आ रहे हैं मरीज

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-डॉक्टर चरनजीत सिंह बताते हैं कि इस समय जो मरीज आ रहे हैं, उनमें घरेलू नुस्खे अपनाने के कारण बहुत अधिक मसालों का उपयोग करनेवाले और अधिक मात्रा में विटमिन टैबलेट्स लेनेवाले पेशंट्स शामिल हैं। ऐसे मरीजों में आमतौर पर हर समय गले रूखापन रहना, शुष्कता के कारण खांसी आना, एसिडिटी, सीने पर जलन की समस्या और चिड़चिड़ापन या मूड स्विंग्स की दिक्कतें देखने को मिल रही हैं।

फायदे की जगह हो रहा नुकसान

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-डॉक्टर सिंह कहते हैं कि नींबू हमारे शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने और हमें कई तरह के संक्रमणों से बचाने में लाभकारी है। लेकिन कोरोना संक्रमण से बचने के लिए और विटमिन-सी की प्राप्ति के लिए लोग इतनी अधिक मात्रा में नींबू का सेवन कर रहे हैं कि इस कारण उन्हें सिरदर्द, डलनेस, गले से संबंधित दिक्कतें, बुखार जैसा महसूस होना, गैस्ट्रिक इश्यूज जैसी समस्याएं हो रही हैं।

समाधान और निदान

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-डॉक्टर सिंह कहते हैं कि जिन लोगों को घरेलू नुस्खों के कारण गर्म चीजों का अधिक सेवन करने के चलते समस्याएं हो रही हैं, उनकी दिक्कतें आमतौर पर इनका सेवन कम करने या संतुलित मात्रा में इनका सेवन करने पर ठीक हो जाती हैं। जिन्हें अधिक समस्या है, उन्हें हम उनकी स्थिति के आधार पर ट्रीटमेंट दे रहे हैं। डॉक्टर चरनजीत सिंह, टांटिया यूनिवर्सिटी, श्रीगंगानगर (राजस्थान) में होम्योपेथी डिपार्टमेंट के डीन पद पर कार्यरत हैं।

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