कोविड अस्पताल व सिम्स का NHM की डायरेक्टर ने निरीक्षण किया


बिलासपुर. हाईरिस्क में आने वाले मरीजों का पहले कोरोना जांच कर उनका रिपोर्ट तैयार करें न कि किसी वीआईपी और हाई अप्रोच वालों का साथ ही सेंपलिंग की संख्या को बढ़ाने और जांच को सिफ्टवाईस करें। यह बात एनएचएम की मिशन डायरेक्टर डॉ.प्रियंका शुक्ला ने जिले में कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उपचार की सुविधा का निरीक्षण करते हुए सिम्स अस्पताल में कही।

 

 

डॉ. शुक्ला ने अधिकारियों को निर्देश दिया की सिफ्ट वाईस कोरोना सेंम्पलों की जांच की जाए। जांच के बाद उसी दिन उनकी निगेटिव पॉजिटीव रिपोर्ट अपलोड किए जाए। सिम्स आरटीपीसीआर लैब में जितने भी स्टॉफ है, उनकी रोटेशन वाईस ड्यूटी लगाई जाए। किसी जिम्मेदार व्यक्ति को इसकी जिम्मेदारी दी जाए। ऐसे ना हो कि कोई स्टॉफ नहीं है तो काम अटक जाए। कितना सेंपल पॉजिटीव आया है या निगेटिव आया है। इसके आधार पर जांच की क्षमता बढ़ाए।

 

 

जांच को लेकर निष्पक्षता बरते ऐसा बिल्कुल न करें कि किसी वीआईपी और अप्रोच वाले की सैंपल का जांच तुरंत कर दे, बाकि का बाद में। पहले हाई रिस्क जैसे गर्भवती महिला, बुजुर्ग या पहले से किसी अन्य बीमारी से ग्रसित हो और अब साथ में कोरोना से संक्रमित हो गए हो तो ऐसे लोगों का रिजल्ट पहले आना चाहिए। साथ ही ऐसे सेंपलों की पैकिंग अलग से हो। हाईरिस्क वाले संदेहियों का रिजल्ट आना ज्यादा जरुरी है, क्योंकि ऐसे लोगों की जांच को ज्यादा खतरा है। इस लिए गर्भवती, बीपी शुगर और अन्य बीमारी से ग्रसित मरीजों का जांच जल्द से जल्द किया जाए। निरीक्षण में मेकाहारा के डॉ. आर के पंडा, डॉ. ओपी सुदरानी के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उपसंचालक डॉ. सुरंद्र ने भी सिम्स के लैब का निरीक्षण किया।

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