कौन समझाये इनकों: सरकारी शराब दुकानों में उड़ रही सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां

अनिश गंधर्व
बिलासपुर। प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी पर राज्य सरकार विचार कर रही है, पीने वालों की संख्या को देखते हुए फिलहाल इस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सका है। शासन द्वारा कोरोना टैक्स के साथ शराब की बिक्री कराई जा रही है, किंतु इन सरकारी शराब दुकानों में सोशल डिस्टेसिंग की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है। महामारी के इस दौर में सभी चीजों पर नियंत्रण लगाया जा रहा है। तो वहीं शराब दुकानों में हो रही अव्यवस्था पर शासन-प्रशासन ने अपनी आंखे मंूद ली है। जबकि जिला प्रशासन के द्वारा सख्त निर्देश गए है कि कोई भी दुकानदार ग्राहकों को क्रमबद्ध तरीके से दो गज की दूरी से सामान की बिक्री की जाएगी। अन्यथा उस पर चालानी कार्रवाई की जाएगी। शराब दुकानों में कोई भी व्यवस्था आबकारी विभाग द्वारा नहीं की गई है, लोग रेलमपेल की स्थिति में शराब खरीदने पहुंचते हैं अब ऐसा लगने लगा है कि शासन द्वारा ही अव्यवस्था फैलाने की खुली छूट दी जा रही है।

मुख्य मार्ग के शराब दुकानों के सामने रोजाना लगता है जाम
कोरोना काल में सभी तबके लोग अपनी जान जोखिम में डालकर घर से बाहर निकल रहे हैं, सभी को कोरोना वायरस के प्रकोप का भय सताने लगा है। लॉकडाउन में शराब दुकानों पर भी प्रतिबंध लगाया गया था। लॉकडाउन से प्रदेश अनलॉक होते ही सबसे ज्यादा शराब दुकानों में भीड़ एकत्रित हो रही है। आस-पास में चखना दुकानों का भी संचालन किया जा रहा है, जिसके चलते स्थिति भयानक हो रही है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई सुरक्षा के उपाय नहीं किए गए हैं। जाम को संभालने यातायात विभाग या नगर निगम का अतिक्रमण अमला भी मौके पर मौजूद नहीं रहता। छोटे कारोबारियों पर जिस तरह से इन दिनों कार्रवाई की जा रही है, ठीक इसी तरह से शराब दुकान व आसपास बैठने वाले चखन सेंटरों को खुली छूट दी जा रही है। संकट की इस घड़ी में सभी को संभलकर चलने की जरूरत है। चांटीडीह मुख्यमार्ग व सब्जी मंडी के पास स्थित शराब दुकानों में रोजाना शराबियों को मजमा लगता है। लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है, और सबसे बड़ी बात यह है कि कोविड-19 वायरस का प्रकोप दिनों दिन बढ़ रहा है जिससे बचने के लिए तरह-तरह उपाय कर रहे है। ऐसी परिस्थिति में अगर शराब दुकानों के आस-पास सफाई व्यवस्था और सोशल डिस्टेसिंग के पालन नहीं होने से शराबियों के साथ-साथ आसपास के निर्दोष लोगों पर कोरोना वायरस का खतरा मंडरा रहा है।


मालूम हो कि प्रदेश में शराब पीने के शौकीन लोगों की संख्या काफी ज्यादा है, इनमें से अधिकांश आदतन हो चुके हैं, और यही कारण है कि लॉकडाउन और कंटेनमेंट जोन क्षेत्र में बंद के दौरान भी लाखों रुपए के अवैध शराब की खपत होती है। जिला प्रशासन द्वारा सोशल डिस्टेसिंग का पालन नहीं करने वालों पर नकेल कसा जा रहा है, और सहीं भी है लेकिन सरकारी शराब दुकानों में भगदड़ की स्थिति निर्मित हो रही है, इस पर गौर नहीं करना आम जनमानस के लिए चिंतनीय है। आबकारी विभाग द्वारा शराब दुकानों में बैठे कर्मचारियों की देखरेख के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है और तो और दिखावे के लिए बेरिकेट्स भी लगाए गए हैं, लेकिन शराब बेचने के लिए एक छोटे से काउंटर को खोला गया है। अब यहां शराब खरीदने के लिए हो रही मारामारी से किसी को कोई लेना देना नहीं रह गया है। प्रशासनिक व्यवस्था के आगे शराबियों के साथ-साथ मुख्य मार्ग से आने जाने वालों पर कोरोना संक्रमण का फैलना तय लग रहा है। जनहित में जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को शराब दुकान और उसके आस-पास के वातावरण पर गौर करने की खास जरूरत है, नहीं तो आगामी दिनों में खतरा और भी बढ़ जाएगा।

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