क्लाइव लॉयड को नए साल पर मिलेगी यह ब्रिटिश उपाधि, 4 इंग्लिश प्लेयर भी होंगे सम्मानित
लंदन. वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान क्लाइव लॉयड (Clive Lloyd) को नाइटहुड की उपाधि मिलना तय हो गया है. 75 साल को क्लाइव ने 70 के दशक में वेस्टइंडीज टीम (West Indies) की कप्तानी की थी जब टीम का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खूब दबदबा था. उन्होंने दो बार वेस्टइंडीज को वनडे विश्व कप (ICC World Cup) का खिताब जिताया था. लॉयड को क्रिकेट में उनके योगदान के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है.
शानदार कप्तानी वाला करियर
लॉयड ने 1974 से लेकर 1985 तक वेस्टइंडीज टीम की कप्तानी की थी. उनकी कप्तानी में ही वेस्टइंडीज की टीम ने पहले दो वनडे विश्व कप अपने नाम किए थे. उनकी टीम में गैरी सोबर्स, एवरटन वीक्स और विवियन रिचर्ड्स जैसे दिग्गज शामिल थे. उनकी कप्तानी में वेस्टइंडीज ने बिना कोई मैच हारे 26 टेस्ट मैच जीते थे. उनकी ही कप्तानी में वेस्टइंडीज ने 1984 में इंग्लैंड को 5-0 से हराया था जिसे ब्लैकवॉश सीरीज के नाम से जाना जाता है.
विंडीज क्रिकेट ने दी बधाई
वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीव कर कहा, “वेस्टइंडीज के महान क्लाइव लॉयड को बधाई जिन्हें क्रिकेट के लिए असाधारण सेवा के लिए नए साल में नाइटहुड की उपाधि मिलने वाली है.”
शानदार बैटिंग रिकॉर्ड
लॉयड अपने जमाने के कैप्टन कूल माने जाते थे. वे बाएं हाथ के मिडिल ऑर्डर बैट्समैन रहे. उन्होंने 110 टेस्ट मैचों में 46 के औसत से 7,515 रन बनाए थे. रिटयारमेंट के बाद लॉयड वेस्टइंडीज के कोच भी रह चुके हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के लिए भी काम किया है.
इंग्लैंड के चार खिलाड़ियों को मिलेगा यह सम्मान
लॉयड के अलावा इस साल वनडे विश्व कप जीतने वाली इंग्लैंड की टीम के चार खिलाड़ी और कोच को भी उनकी क्रिकेट की सेवाओं के लिए सम्मानित किया जाएगा. कप्तान इयोन मोर्गन को ब्रिटिश साम्राज्य के सबसे विशिष्ठ ऑर्डर के कामांडर, बेन स्टोक्स को ब्रिटिश साम्राज्य के सबसे विशिष्ठ ऑर्डर के अधिकारी, जो रूट और जोस बटलर को ब्रिटिश साम्राज्य के सबसे विशिष्ठ ऑर्डर का सम्मान दिया जाएगा.
ऐतिहासिक जीत रही थी इंग्लैंड की
इंग्लैंड ने इसी साल जुलाई में एक ऐतिहासिक फाइनल में मुकाबले में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलते हुए पहली बार आईसीसी वनडे विश्व कप पर कब्जा जमायाथा. इस मैच में निर्धारित 50 ओवरों का खेल टाई होने के बाद सुपर ओवर भी टाई हो गया था. जिसके बाद विजेता का फैसला सबसे ज्यादा बाउंड्री काउंट से हुआ था जिसके कारण इंग्लैंड को जीत मिली थी.